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यूपी में 68500 शिक्षक भर्ती मामला, फेल हुए अभ्यर्थियों के लिए हाईकोर्ट से आई बड़ी खुशखबरी, पूरी हुई मांग

इलाहाबाद. हाईकोर्ट ने प्राइमरी स्कूल अध्यापक भर्ती मामले में असन्तुष्ट अभ्यर्थियों को के पक्ष में बड़ा निर्देश दे दिया है। कोर्ट ने परिणाम से असन्तुष्ट अभ्यर्थियों को उत्तर पुस्तिका की स्कैन प्रति 10 दिन में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। जिसके बाद अभ्यर्थियों में खुशी की लहर है।

बतादें कि 68500 शिक्षक भर्ती का पिछले दिनों परीक्षा परिणाम घोषित किया गया था। जिसमें 39 प्रतिशत अभ्यर्थी पास हुए। पासिंग प्रतिशत 40 व 45 होने से जो लोग फेल हुए हैं वह नये बिंदुओं को लेकर कोर्ट चले गये और मांग करने लगे कि परीक्षा का मुल्यांकन सही नहीं किया गया। जिसके कारण परिणाम अच्छे नहीं आ सके।
मामले में कोर्ट ने कहा है कि याची सही मूल्यांकन न किये जाने का कारण बताते हुए हलफनामा दाखिल करें।यदि कॉपी का सही ढंग से मूल्यांकन न किया गया हो और याची अधिक अंक पाने के हकदार हों तो उनका फिर से परिणाम घोषित किया जाय।कोर्ट ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकरण से कहा है कि पद का अंतिम परिणाम याचिका के निर्णय पर निर्भर करेगा।
यह आदेश न्यायमूर्ति डीके सिंह ने अंकित वर्मा व अन्य की याचिका पर दिया है।
याचियों ने 68500 अध्यापक भर्ती परीक्षा दी। 13 अगस्त 2018 को घोषित परिणाम से संतुष्ट न होने पर नियमानुसार 16 अगस्त को 2000 रूपये जमा कर उत्तर पुस्तिका की स्कैन कॉपी लेने की अर्जी दी लेकिन कॉपी नहीं दी गयी। इस पर उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली है। याचिका की अगली सुनवाई 6 सितम्बर को होगी।
शासन के आदेश को गलत मान रहे अभ्यर्थी

वहीं दूसरी तरफ पिछले माह भी कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका की थी कि सरकार ने खेल के नियम बीच में बदल दिये। कोर्ट गये अभ्यर्थियों का कहना है कि नौ जनवरी 2018 को शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए शासनादेश जारी किया गया। इसमें परीक्षा का पासिंग प्रतिशत 40 व 45 रखा गया था। बाद में 21 मई 2018 को परीक्षा से पहले पासिंग प्रतिशत घटाकर 30 व 33 फीसदी कर दिया गया। पासिंग प्रतिशत 40 व 45 करने से प्रभावित हुए अभ्यर्थी शासन के आदेश को गलत मान रहे हैं।

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