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एसआईटी ने फर्जी शिक्षकों की नई सीडी भेजी , करोड़ों का वेतन ले चुके हैं फर्जी शिक्षक

मैनपुरी। बीएड के फर्जी प्रमाणपत्रों की मदद से नौकरी लेने वालों पर शिकंजा कसता दिख रहा है। विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जिले में फर्जी शिक्षक बनने वालों की नई सीडी भेजी है।
सीडी आने के बाद शिक्षकों में खलबली मच गई है। जांच के लिए बीएसए की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय समिति यहां तैनात शिक्षकों और सीडी के शिक्षकों की सूची से इसका मिलान करेगी।
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में वर्ष 2004 में हुए बीएड फर्जीवाड़े की जांच में एक नया मोड़ आ गया है। विशेष जांच दल (एसआईटी) ने फर्जी शिक्षकों की एक नई सीडी तैयार की है। ये सीडी प्रदेश के सभी जिलों में भेजी गई है। अब इस सीडी में भेजे गए नामों से जिले में तैनात शिक्षकों की सूची का मिलान किया जाएगा। इसके बाद फिर से एक बार फर्जी अभिलेखों के दम पर नौकरी करने वाले शिक्षकों की सूची तैयार की जाएगी। ये सूची बेसिक शिक्षा परिषद के उच्चाधिकारियों को भेजकर उनसे आगे की कार्रवाई के बारे में जानकारी दी जाएगी।
बीएसए की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय कमेटी इस सीडी का मिलान करेगी। इस समिति में एक खंड शिक्षाधिकारी, एसआईटी पटल सहायक, शिक्षक भर्ती पटल सहायक व एक ऑपरेटर शामिल होंगे। सूत्रों के अनुसार सोमवार से इस सीडी से शिक्षकों की सूची के मिलान का काम शुरू हो जाएगा। सीडी आने की सूचना को विभाग पूरी तरह से गोपनीय बनाए हुए है।

जानकारी जुटाने के लिए परेशान हैं शिक्षक
नई सीडी आने की सूचना पर शिक्षा विभाग में खलबली मची हुई है। फर्जी अभिलेखों के दम पर नौकरी करने वाले शिक्षक ये जानकारी करने में जुटे हैं कि सीडी में उनका नाम है या नहीं।

शिक्षकों के नाम बाहर होने की भी है उम्मीद
नई सीडी आने से जहां फर्जी शिक्षकों की सूची में और नाम शामिल होने की बात कही जा रही है तो वहीं कुछ नाम बाहर भी हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार पहले एसआईटी द्वारा भेजी गई सीडी में कुछ नाम गलती से शामिल हो गए थे। बाद में जांच के दौरान इनके अभिलेख सही पाए गए। ऐसे में कई शिक्षकों को अपना नाम फर्जी सूची से बाहर होने की उम्मीद भी जग गई है। -------

करोड़ों का वेतन ले चुके हैं फर्जी शिक्षक
फर्जी शिक्षक बेसिक शिक्षा विभाग से करोड़ों रुपये का वेतन ले चुके हैं। अगर पिछली सूची को ही देखें तो 81 फर्जी शिक्षक सामने आए थे। ये शिक्षकों सालों से नौकरी कर रहे हैं। ऐसे में एक अनुमान के अनुसार ये शिक्षक लगभग 15 करोड़ रुपये वेतन के रूप में बेसिक शिक्षा विभाग से ले चुके हैं। इन शिक्षकों से वेतन की रिकवरी करना भी आसान नहीं होगा।

2010 के बाद की भर्तियों की चल रही है जांच
जिले में 2010 के बाद हुई शिक्षक भर्तियों की भी जांच चल रही है। लगभग आधा दर्जन से अधिक भर्तियों के दो हजार शिक्षक इस जांच के दायरे में हैं। अपर जिलाधिकारी और अपर पुलिस अधीक्षक इस जांच को कर रहे हैं। बीते महीने बीएसए ने सभी शिक्षकों के अभिलेख एकत्रित कर अपर जिलाधिकारी को भेजे थे। अब तक ये जांच किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है।

शासन के आदेश पर ही सारी कार्रवाई की जा रही है। आगे भी एसआईटी या उच्चाधिकारियों से जो आदेश मिलेंगे उसके अनुसार फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई होगी। फिलहाल फर्जी डिग्रीधारकों का चिह्नांकन किया जाएगा।
विजय प्रताप सिंह, बीएसए, मैनपुरी।

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