इलाहाबाद। नागरिक पुलिस में 41 हजार सिपाहियों की भर्ती के मामले में अब नया पेच फंस गया
है। भर्ती परिणाम जारी होने के बाद पुलिस भर्ती बोर्ड ने अन्य पिछड़ा वर्ग
के ऐसे अभ्यर्थियों से दोबारा जाति प्रमाणपत्र मांग लिया है जिन्होंने
2012 से पूर्व जारी प्रमाणपत्र संलग्न किया है।
इसे खिलाफ अभ्यर्थियों की याचिका पर न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिरला ने राज्य सरकार और पुलिस बोर्ड को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।
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इसे खिलाफ अभ्यर्थियों की याचिका पर न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिरला ने राज्य सरकार और पुलिस बोर्ड को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।
अभ्यर्थी सचींद्र कुमार एवं अन्य ने याचिका दाखिल कर पुलिस भर्ती बोर्ड के
30 मार्च 2015 के इस नए फरमान को चुनौती दी है। याची के वकील विजय गौतम के
मुताबिक वर्ष 2011 में 35 हजार सिपाहियों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी
किया गया। इस पर आवेदन मंगा लिए गए। बाद में नई सरकार ने इस विज्ञापन को रद
कर नया विज्ञापन जारी किया जिसमें 41 हजार पदों पर भर्ती होनी थी। 2011
में आवेदन करने वालों को भी इसमें शामिल कर लिया गया। उनको दोबारा आवेदन
नहीं करना पड़ा। कोई शुल्क भी नहीं लिया गया।
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