चयन बोर्ड में फंसेगा शिक्षकों का चयन-समायोजन
इलाहाबाद (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद शासन ने बोर्ड की सदस्य अनीता यादव को प्रभार सौंप दिया है। हालांकि, अभी भी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। अगले महीने दो सदस्य ललित कुमार श्रीवास्तव एवं राम औतार यादव का कार्यकाल पूरा हो रहा है। उनके कार्यकाल पूरा होने के साथ चयन बोर्ड में मात्र तीन सदस्य ही शेष बचेंगे। ऐसे में चयन बोर्ड में भर्ती प्रक्रिया कोरम के अभाव में फंस सकती है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में कुल 10 सदस्यों के साथ एक अध्यक्ष का पद स्वीकृत है। चयन बोर्ड में इन दिनों कुल छह सदस्य हैं। मई के अंत में दो सदस्यों के कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष को मिलाकर चार सदस्य ही बचेंगे। ऐसे में कोरम का संकट खड़ा हो जाएगा। पिछले चार वर्ष से समायोजन की आस लगाए चयनित शिक्षकों की मांग फंस सकती है। फरवरी में चयन बोर्ड के दो सदस्यों डॉ. आशाराम यादव एवं मनोज यादव के कार्यकाल खत्म होने के बाद अभी तक उनकी जगह पर कोई नई नियुक्ति नहीं हुई है।
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इलाहाबाद (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद शासन ने बोर्ड की सदस्य अनीता यादव को प्रभार सौंप दिया है। हालांकि, अभी भी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। अगले महीने दो सदस्य ललित कुमार श्रीवास्तव एवं राम औतार यादव का कार्यकाल पूरा हो रहा है। उनके कार्यकाल पूरा होने के साथ चयन बोर्ड में मात्र तीन सदस्य ही शेष बचेंगे। ऐसे में चयन बोर्ड में भर्ती प्रक्रिया कोरम के अभाव में फंस सकती है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में कुल 10 सदस्यों के साथ एक अध्यक्ष का पद स्वीकृत है। चयन बोर्ड में इन दिनों कुल छह सदस्य हैं। मई के अंत में दो सदस्यों के कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष को मिलाकर चार सदस्य ही बचेंगे। ऐसे में कोरम का संकट खड़ा हो जाएगा। पिछले चार वर्ष से समायोजन की आस लगाए चयनित शिक्षकों की मांग फंस सकती है। फरवरी में चयन बोर्ड के दो सदस्यों डॉ. आशाराम यादव एवं मनोज यादव के कार्यकाल खत्म होने के बाद अभी तक उनकी जगह पर कोई नई नियुक्ति नहीं हुई है।
अनीता यादव के पास अध्यक्ष का प्रभार होने के कारण बोर्ड में मात्र तीन
सदस्य डॉ. योगेन्द्र प्रजापति, डॉ. आशालता सिंह एवं डॉ. मोहम्मद उमर ही
बचेंगे, जो बोर्ड के तय सदस्यों से एक तिहाई से भी कम होंगे।
बोर्ड में कोई भी नियम पास करना कठिन होगा।
कोरम के अभाव में चयन बोर्ड को आगे साक्षात्कार, समायोजन एवं परीक्षा से जुड़े मामले पर निर्णय लेने में कठिनाई होगी। अध्यक्ष एवं सदस्यों के पद खाली हो जाने के बाद शिक्षकों के चयन की आस एक बार फिर अधूरी रह जाएगी और नए सत्र में माध्यमिक विद्यालयों को शिक्षक नहीं मिल सकेंगे।
अगले महीने दो सदस्यों के कार्यकाल होंगे पूरे, खड़ा होगा कोरम का संकट
बोर्ड में कोई भी नियम पास करना कठिन होगा।
कोरम के अभाव में चयन बोर्ड को आगे साक्षात्कार, समायोजन एवं परीक्षा से जुड़े मामले पर निर्णय लेने में कठिनाई होगी। अध्यक्ष एवं सदस्यों के पद खाली हो जाने के बाद शिक्षकों के चयन की आस एक बार फिर अधूरी रह जाएगी और नए सत्र में माध्यमिक विद्यालयों को शिक्षक नहीं मिल सकेंगे।
अगले महीने दो सदस्यों के कार्यकाल होंगे पूरे, खड़ा होगा कोरम का संकट
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