समस्याओं से जूझ रहे प्रशिक्षु शिक्षक , बीआरसी पर अव्यवस्थाओं का बोलबाला
सीतापुर। परिषदीय विद्यालयों के प्रशिक्षु शिक्षकों का तीन माह का सैद्घांतिक प्रशिक्षण बीआरसी पर शुरू हो गया है। प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बीआरसी पर बिजली, पानी सहित प्रशिक्षण कक्षों का अभाव बना हुआ है। जिससे शिक्षकों को बैठने के साथ ही बिजली के अभाव में जनरेटर न चलने से भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे अधिक दिक्कत टाइमटेबल की है। शिक्षकों का प्रशिक्षण सुबह 10 से 5 बजे के बीच चल रहा है। इस दौरान गर्मी के चलते प्रशिक्षण में रुकावट आ रही है। कमोबेश यह हालत सभी ब्लॉक संसाधन केंद्रों की है।
प्रदेश में 72 हजार प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। जिसके तहत जिले में छह हजार पदों पर भर्ती होनी है। अब तक छह चरणों की काउंसलिंग में 45 सौ पद भरे जा चुके हैं। इन पदोंपर शिक्षकों ने अपने विद्यालय ज्वॉइन कर लिए हैं। इन शिक्षकों को छह माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले तीन माह का क्रियात्मक प्रशिक्षण विद्यालय पर संपन्न हो चुका है। अब अगले तीन माह का प्रशिक्षण ब्लॉक संसाधन केंद्र पर होगा। क्रियात्मक प्रशिक्षण पूरा हो गया था। सैद्घांतिक प्रशिक्षण पर ऊहापोह बना हुआ था। शिक्षक परेशान थे कि यह प्रशिक्षण बीआरसी पर होगा या डायट पर। इसको लेकर काफी दिनों तक कवायद चलती रही। आखिरकार 21 मई से बीआरसी पर प्रशिक्षण प्रारंभ हो गया है। जिम्मेदारों ने प्रशिक्षण तो शुरू करा दिया, लेकिन व्यवस्था दुरुस्त नहीं की। हालत यह है कि बीआरसी पर कमरों की कमी बनी हुई है। जिससे शिक्षकों को बैठने में दिक्कत होती है। बिजली का कनेक्शन होने के बावजूद आपूर्ति नहीं होती। प्रत्येक बीआरसी पर जनरेटर लगाए गए हैं, लेकिन वह शोपीस बने हुए हैं। इस भीषण गर्मी में शिक्षकों को प्रशिक्षण लेना पड़ रहा है। वहीं प्रशिक्षण का समय सुबह 10 से 5 बजे के बीच है। इस दौरान बदन झुलसा देने वाले गर्मी पड़ रही है। जिससे शिक्षकों को प्रशिक्षण में दिक्कते आ रही है।
शिक्षक संगठन ने उठाई आपत्ति डीएम को सौंपा ज्ञापन
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राज किशोर सिंह ने डीएम को ज्ञापन सौंपकर समय परिवर्तन की मांग की है। उन्होंने अप्रशिक्षित शिक्षकों के बदले ट्रेनरों से प्रशिक्षण दिलाने व खराब पड़े जनरेटरों को दुरुस्त कराकर कमरों की अतिरिक्त व्यवस्था करने की मांग की है। महामंत्री रवींद्र दीक्षित का कहना है कि बीआरसी पर शुद्घ पेयजल का अभाव है। आकस्मिक चिकित्सा के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है। मांग की कि जिला स्तर पर एक कंट्रोल रूम बनाया जाए।
दुरुस्त होंगी व्यवस्थाएं
बीआरसी पर अगर समस्या है तो उसको दरुस्त कराया जाएगा। इसके अलावा रही बात समय-सारिणी की तो इसका निर्धारण शासन स्तर से होता है। भीषण गर्मी पड़ रही है, ऐसे में एक सप्ताह के में टाइम में बदलाव होने की उम्मीद है।
-संजीव सिंह, बीएसए
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सीतापुर। परिषदीय विद्यालयों के प्रशिक्षु शिक्षकों का तीन माह का सैद्घांतिक प्रशिक्षण बीआरसी पर शुरू हो गया है। प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बीआरसी पर बिजली, पानी सहित प्रशिक्षण कक्षों का अभाव बना हुआ है। जिससे शिक्षकों को बैठने के साथ ही बिजली के अभाव में जनरेटर न चलने से भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे अधिक दिक्कत टाइमटेबल की है। शिक्षकों का प्रशिक्षण सुबह 10 से 5 बजे के बीच चल रहा है। इस दौरान गर्मी के चलते प्रशिक्षण में रुकावट आ रही है। कमोबेश यह हालत सभी ब्लॉक संसाधन केंद्रों की है।
प्रदेश में 72 हजार प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। जिसके तहत जिले में छह हजार पदों पर भर्ती होनी है। अब तक छह चरणों की काउंसलिंग में 45 सौ पद भरे जा चुके हैं। इन पदोंपर शिक्षकों ने अपने विद्यालय ज्वॉइन कर लिए हैं। इन शिक्षकों को छह माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले तीन माह का क्रियात्मक प्रशिक्षण विद्यालय पर संपन्न हो चुका है। अब अगले तीन माह का प्रशिक्षण ब्लॉक संसाधन केंद्र पर होगा। क्रियात्मक प्रशिक्षण पूरा हो गया था। सैद्घांतिक प्रशिक्षण पर ऊहापोह बना हुआ था। शिक्षक परेशान थे कि यह प्रशिक्षण बीआरसी पर होगा या डायट पर। इसको लेकर काफी दिनों तक कवायद चलती रही। आखिरकार 21 मई से बीआरसी पर प्रशिक्षण प्रारंभ हो गया है। जिम्मेदारों ने प्रशिक्षण तो शुरू करा दिया, लेकिन व्यवस्था दुरुस्त नहीं की। हालत यह है कि बीआरसी पर कमरों की कमी बनी हुई है। जिससे शिक्षकों को बैठने में दिक्कत होती है। बिजली का कनेक्शन होने के बावजूद आपूर्ति नहीं होती। प्रत्येक बीआरसी पर जनरेटर लगाए गए हैं, लेकिन वह शोपीस बने हुए हैं। इस भीषण गर्मी में शिक्षकों को प्रशिक्षण लेना पड़ रहा है। वहीं प्रशिक्षण का समय सुबह 10 से 5 बजे के बीच है। इस दौरान बदन झुलसा देने वाले गर्मी पड़ रही है। जिससे शिक्षकों को प्रशिक्षण में दिक्कते आ रही है।
शिक्षक संगठन ने उठाई आपत्ति डीएम को सौंपा ज्ञापन
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राज किशोर सिंह ने डीएम को ज्ञापन सौंपकर समय परिवर्तन की मांग की है। उन्होंने अप्रशिक्षित शिक्षकों के बदले ट्रेनरों से प्रशिक्षण दिलाने व खराब पड़े जनरेटरों को दुरुस्त कराकर कमरों की अतिरिक्त व्यवस्था करने की मांग की है। महामंत्री रवींद्र दीक्षित का कहना है कि बीआरसी पर शुद्घ पेयजल का अभाव है। आकस्मिक चिकित्सा के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है। मांग की कि जिला स्तर पर एक कंट्रोल रूम बनाया जाए।
दुरुस्त होंगी व्यवस्थाएं
बीआरसी पर अगर समस्या है तो उसको दरुस्त कराया जाएगा। इसके अलावा रही बात समय-सारिणी की तो इसका निर्धारण शासन स्तर से होता है। भीषण गर्मी पड़ रही है, ऐसे में एक सप्ताह के में टाइम में बदलाव होने की उम्मीद है।
-संजीव सिंह, बीएसए
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