नेतागीरी छोड़ बच्चों को पढ़ाएं : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

मैनपुरी : कुर्सी संभालते ही नवागत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के तेवर तल्ख दिखे। दफ्तर पहुंचे शिक्षकों और शिक्षाधिकारियों से शिष्टाचार भेंट के बाद उन्होंने बातों ही बातों में चेतावनी दे डाली कि पढ़ाने का काम है तो पढ़ाएं, बेकार की राजनीति नहीं करें।मंगलवार को बीएसए हरिकेश यादव ने जिले की शिक्षा व्यवस्था की शिक्षाधिकारियों से टोह ली। इसी बीच शिक्षक नेताओं और विभागीय कर्मचारियों से शिष्टाचार भेंट भी की। जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों और शिक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति, शिक्षा की गुणवत्ता और मध्यान्ह भोजन योजना का बेहतर क्रियान्वयन उनकी प्राथमिकता में होगा। सभी विद्यालयों की प्रबंध समितियों की निगरानी की जाएगी। अभिभावकों को जागरूक किया जाएगा कि वे अपने बच्चों को पढने के लिए स्कूल भेंजें।
खास नजर शिक्षकों पर होगी। शिक्षकों को रोजाना अपने नियत समय पर स्कूल पहुंचना होगा। बैठकर काम नहीं चलेगा। बच्चों को बाकायदा शिक्षा देनी होगी। अपनी मर्जी से छुट्टी नहीं ले सकेंगे। अवकाश से पूर्व बाकायदा प्रार्थना पत्र देना होगा। शिक्षा की गुणवत्ता से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा। मिड-डे मील वितरण की व्यवस्था पर भी निगरानी रखी जाएगी।
नेतागीरी करने वाले शिक्षकों पर बीएसए का नजरिया बदला हुआ दिखा। उनका कहना है कि शिक्षा में राजनीति बर्दाश्त नहीं होगी। शिक्षकों का काम पढ़ाना है, जो भी शिक्षक स्कूल के समय में दफ्तरों में मिलेंगे या फिर राजनीति करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर किसी को शिकायत है, तो वह स्कूल समय के बाद अपनी समस्या रख सकते हैं। रही बात एमडीएम की, तो रसोइयों की हड़ताल से हम व्यवस्था बाधित नहीं होने देंगे। वैकल्पिक व्यवस्था कराई गई है। पहली जुलाई को सभी स्कूलों में भोजन बनेगा। जिन स्कूलों में भोजन नहीं पकता है, वहां के प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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