कितने मुकदमे दर्ज हैं लोक सेवा अध्यक्ष अनिल यादव पर , हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से पूछा
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अनिल यादव पर दर्ज मुकदमों की हाईकोर्ट ने विस्तृत जानकारी सरकार से मांगी है। बृहस्पतिवार को अध्यक्ष अनिल यादव की नियुक्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने इस बात पर नाखुशी जाहिर की कि पिछले आदेश में स्पष्ट निर्देश के बावजूद सरकार ने अपना जवाब हलफनामा के रूप में नहीं दाखिल किया है। वहीं अध्यक्ष अनिल यादव द्वारा अपनी सफाई में हलफनामा दाखिल कर बताया गया कि उन पर जो भी मुकदमे दर्ज थे वह समाप्त हो चुके हैं।
अधिवक्ता सतीश सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही मुख्य न्यायमूर्ति डा. डीवाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने 27 जुलाई के आदेश में प्रदेश सरकार से अनिल यादव के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। यह भी पूछा था कि प्रदेश में लोकसेवा आयोग अध्यक्ष की नियुक्ति हेतु सुप्रीमकोर्ट के आदेश के तहत कोई नियमावली बनाई गई या नहीं।
अदालत के सवालोें का जवाब देते हुए महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह ने कोर्ट को बताया कि आयोग अध्यक्ष की नियुक्ति हेतु अभी तक कोई नियमावली नहीं थी। पिछले 50 वर्षों से नियुक्तियां इसी ढर्रे पर होती आ रही हैं। सुप्रीमकोर्ट के निर्देश पर अब विस्तृत नियमावली तैयार की जा रही है। इसमें सर्च कमेटी का गठन और उसकी जिम्मेदारी आदि सभी पहलुओं को शामिल किया जा रहा है। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में विचार व्यक्त किया था बहुत से सुयोग्य लोग अध्यक्ष पद के लिए आवेदन करते ही नहीं ऐसे में सरकार या सर्च कमेटी को स्वयं ऐसी योग्यता वाले लोगों को संपर्क करना चाहिए। महाधिवक्ता ने कहा कि भविष्य में इस पर अमल किया जाएगा।
खंडपीठ ने महाधिवक्ता को हलफनामा दाखिल करने की एक और मोहलत देते हुए सुनवाई केलिए एक सितंबर की तिथि नियत की है। यह भी कहा है कि यदि सरकार जवाब नहीं देती है तो यह माना जाएगा कि उसे इस संबंध में कुछ नहीं कहना है।
अनिल यादव की सफाई पर कोर्ट ने ली चुटकी
याचिका की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने आयोग अध्यक्ष अनिल यादव की ओर से सफाई देते हुए कहा कि उन पर जो भी मुकदमे दर्ज थे वह सब समाप्त हो चुके हैं। मुकदमे राजनीतिक विद्वेष में दर्ज कराए गए थे। उन्होंने कहा कि इस प्रदेश में इसी प्रकार से मुकदमे दर्ज कराकर लोगों को फंसाया जाता है इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। पीठ ने चुटकी लेते हुए कहा कि महाधिवक्ता को यह बात हलफनामे में लिखकर देनी चाहिए। कोर्ट का यह भी कहना था कि अनिल यादव जानलेवा हमले तक का मुकदमा दर्ज है। मुकदमे गवाहों के मुकर जाने से छूटे हैं। उनको पूरी जानकारी चाहिए।
कहा- प्रस्तुत करें लोक सेवा आयोग अध्यक्ष पर दर्ज मुकदमों की विस्तृत जानकारी हलफनामा दाखिल करने के लिए नियत की एक सितंबर की तिथि
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