77 संस्कृत कॉलेजों को लिया अनुदान पर
लखनऊ। प्रदेश के 77 संस्कृत कॉलेजों को अनुदान सूची पर लेने का शासनादेश बुधवार को जारी कर दिया गया। ये कॉलेज 31 दिसंबर 2000 या इसके पूर्व स्थायी मान्यता प्राप्त हैं। 7 फरवरी 2014 को निर्धारित मानक पूरा करने वालों को ही इसमें शामिल किया गया है। इन 77 स्कूल व कॉलेजों को शासनादेश जारी होने की तिथि से अनुदान पर माना जाएगा। प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने शासनादेश जारी कर दिया है।शासनादेश के मुताबिक, अनुदान सूची वाले स्कूलों व कॉलेजों में मंडल स्तरीय या राज्य स्तरीय समिति को प्राप्त प्रस्तावों के अनुसार नियुक्त व कार्यरत शिक्षकों को वेतन का भुगतान किया जाएगा। पूर्व मध्यमा स्तर तक एक प्रधानाध्यापक व तीन शिक्षक, उत्तर मध्यमा स्तर तक एक प्रधानाध्यापक व चार शिक्षक तथा डिग्री कॉलेजों या शास्त्री व आचार्य स्तर तक एक प्राचार्य व पांच शिक्षकों के पद मान्य होंगे।
•शासनादेश जारी, 31 दिसंबर 2000 या इससे पहले मान्यता वाले कॉलेज हुए शामिल
...तो वापस ले लेंगे अनुदान
अनुदान सूची पर आने वाले स्कूलों व कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन भुगतान शासनादेश के अनुसार किया जाएगा। आरक्षित पदों पर अनारक्षित व अनारक्षित पदों पर आरक्षित श्रेणी के शिक्षकों का वेतन भुगतान किसी भी दशा में नहीं किया जाएगा। शासनादेश के अनुरूप नियुक्तियों में आरक्षण का पालन न किए जाने पर डीआईओएस अनुदान वापस लेने की सिफारिश शासन से करेंगे। इसके आधार पर अनुदान वापस ले लिया जाएगा। धोखाधड़ी कर अनुदान सूची में शामिल होने वालों के नाम सामने आने पर हटा दिए जाएंगे। डीआईओएस संस्कृत कॉलेजों की जमीन व स्वामित्व की पुष्टि निरीक्षण के बाद करेंगे।
लखनऊ। प्रदेश के 77 संस्कृत कॉलेजों को अनुदान सूची पर लेने का शासनादेश बुधवार को जारी कर दिया गया। ये कॉलेज 31 दिसंबर 2000 या इसके पूर्व स्थायी मान्यता प्राप्त हैं। 7 फरवरी 2014 को निर्धारित मानक पूरा करने वालों को ही इसमें शामिल किया गया है। इन 77 स्कूल व कॉलेजों को शासनादेश जारी होने की तिथि से अनुदान पर माना जाएगा। प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने शासनादेश जारी कर दिया है।शासनादेश के मुताबिक, अनुदान सूची वाले स्कूलों व कॉलेजों में मंडल स्तरीय या राज्य स्तरीय समिति को प्राप्त प्रस्तावों के अनुसार नियुक्त व कार्यरत शिक्षकों को वेतन का भुगतान किया जाएगा। पूर्व मध्यमा स्तर तक एक प्रधानाध्यापक व तीन शिक्षक, उत्तर मध्यमा स्तर तक एक प्रधानाध्यापक व चार शिक्षक तथा डिग्री कॉलेजों या शास्त्री व आचार्य स्तर तक एक प्राचार्य व पांच शिक्षकों के पद मान्य होंगे।
•शासनादेश जारी, 31 दिसंबर 2000 या इससे पहले मान्यता वाले कॉलेज हुए शामिल
...तो वापस ले लेंगे अनुदान
अनुदान सूची पर आने वाले स्कूलों व कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन भुगतान शासनादेश के अनुसार किया जाएगा। आरक्षित पदों पर अनारक्षित व अनारक्षित पदों पर आरक्षित श्रेणी के शिक्षकों का वेतन भुगतान किसी भी दशा में नहीं किया जाएगा। शासनादेश के अनुरूप नियुक्तियों में आरक्षण का पालन न किए जाने पर डीआईओएस अनुदान वापस लेने की सिफारिश शासन से करेंगे। इसके आधार पर अनुदान वापस ले लिया जाएगा। धोखाधड़ी कर अनुदान सूची में शामिल होने वालों के नाम सामने आने पर हटा दिए जाएंगे। डीआईओएस संस्कृत कॉलेजों की जमीन व स्वामित्व की पुष्टि निरीक्षण के बाद करेंगे।
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