राज्य मुख्यालय। शिक्षामित्रों के समायोजन पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद उनके वेतन को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग दुविधा में है। विभाग के आला अधिकारी समायोजित हुए शिक्षामित्रों के वेतन को लेकर चुप्पी साधे है। वहीं, जिला स्तर के अधिकारी गेंद को दूसरे पाले में डालने में लगे हैं।
शिक्षामित्रों का समायोजन 12 सितम्बर को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है लेकिन राज्य सरकार ने इस बाबत अभी कोई निर्देश नहीं भेजे हैं। अब उनका पूरे महीने का वेतन जारी किया जाए या नहीं, इसे लेकर भ्रम की स्थिति है। सरकारी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक की नियुक्ति बेसिक शिक्षा अधिकारी करता है। लिहाजा यदि वेतन जारी होता है, तो इसका जिम्मेदार बीएसए ही होगा। कई जिलों ने अधिकारियों को पत्र लिख कर निर्देशन मांगा है। वही, सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों ने भी बेसिक शिक्षा परिषद के वित्त व लेखाधिकारी को पत्र लिख कर स्पष्ट निर्देश मांगे हैं। बहरहाल, राज्य सरकार की मंशा देखते हुए कोई भी इस पर स्पष्ट जवाब नहीं दे रहा है। बरेली के वित्त व लेखाधिकारी ने बीएसए से पूछा है कि समायोजित हुए शिक्षामित्रों का वेतन जारी किया जाए या नहीं? वहीं दूसरी ओर बांदा के बीएसए ने लेखाधिकारी को पत्र लिख हाईकोर्ट के आदेश के तहत वेतन के नियमित भुगतान को लेकर निर्देश जारी करने का निर्णय लेने को कहा है। कई और जिलों में निर्देश मांगे जा रहे हैं।
चूंकि राज्य सरकार शिक्षामित्रों के साथ है और विभाग उनकी रोजी-रोटी को बचाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है। ऐसी स्थिति में अगर जिलों से वेतन जारी कर भी दिया जाए तो अधिकारियों के खिलाफ यह वित्तीय अनियमितता का मामला भी बनता है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
शिक्षामित्रों का समायोजन 12 सितम्बर को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है लेकिन राज्य सरकार ने इस बाबत अभी कोई निर्देश नहीं भेजे हैं। अब उनका पूरे महीने का वेतन जारी किया जाए या नहीं, इसे लेकर भ्रम की स्थिति है। सरकारी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक की नियुक्ति बेसिक शिक्षा अधिकारी करता है। लिहाजा यदि वेतन जारी होता है, तो इसका जिम्मेदार बीएसए ही होगा। कई जिलों ने अधिकारियों को पत्र लिख कर निर्देशन मांगा है। वही, सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों ने भी बेसिक शिक्षा परिषद के वित्त व लेखाधिकारी को पत्र लिख कर स्पष्ट निर्देश मांगे हैं। बहरहाल, राज्य सरकार की मंशा देखते हुए कोई भी इस पर स्पष्ट जवाब नहीं दे रहा है। बरेली के वित्त व लेखाधिकारी ने बीएसए से पूछा है कि समायोजित हुए शिक्षामित्रों का वेतन जारी किया जाए या नहीं? वहीं दूसरी ओर बांदा के बीएसए ने लेखाधिकारी को पत्र लिख हाईकोर्ट के आदेश के तहत वेतन के नियमित भुगतान को लेकर निर्देश जारी करने का निर्णय लेने को कहा है। कई और जिलों में निर्देश मांगे जा रहे हैं।
चूंकि राज्य सरकार शिक्षामित्रों के साथ है और विभाग उनकी रोजी-रोटी को बचाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है। ऐसी स्थिति में अगर जिलों से वेतन जारी कर भी दिया जाए तो अधिकारियों के खिलाफ यह वित्तीय अनियमितता का मामला भी बनता है।
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