अब अगले साल ही इस परीक्षा के हो पाने के आसार
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा अब इस साल होने के आसार न के बराबर रह गए हैं। आने वाले दिनों में परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की व्यस्तता और पंचायत चुनाव की वजहों से इसकी रही-सही उम्मीदें भी खत्म नजर आ रही हैं।
माना जा रहा है कि अब टीईटी-2014 शायद अगले साल यानी 2016 में ही हो पाए। 1अनिवार्य शिक्षा कानून लागू होने के बाद राज्य में टीईटी की परीक्षा अब तक सिर्फ दो बार ही हो पाई है। 2011 में हुई परीक्षा माध्यमिक शिक्षा परिषद ने कराई थी और इसके लेकर उठे विवाद अभी तक जारी हैं। इसके बाद ही परीक्षा की जिम्मेदारी नियामक अधिकारी कार्यालय को दी गई थी। ऐसी परीक्षाओं की विशेषज्ञता के कारण नियामक प्राधिकारी ने बिना विवाद के परीक्षा संपन्न कराई थी लेकिन वह 2014 की परीक्षा का कार्यक्रम घोषित न कर सका। इसके लिए कई बार शासन को प्रस्ताव भेजा गया लेकिन सहमति न मिल सकी। एनआईसी ने भी सर्वर की व्यस्तता की वजह से टीईटी कराने में असमर्थता जताई थी। वैसे भी सरकार की प्राथमिकता टीईटी की बजाय बीटीसी व प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती ही रही। नियामक प्राधिकारी कार्यालय के सूत्रों के अनुसार इससे पहले यह योजना बनाई गई थी कि दिसंबर में टीईटी कराने का प्रस्ताव भेजा जाए लेकिन मौजूदा समय में ऐसा मुमकिन होता नहीं प्रतीत हो रहा है। पंचायत चुनाव एवं अन्य व्यस्तताओं के चलते टीईटी हो पाना मुश्किल लग रहा है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा अब इस साल होने के आसार न के बराबर रह गए हैं। आने वाले दिनों में परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की व्यस्तता और पंचायत चुनाव की वजहों से इसकी रही-सही उम्मीदें भी खत्म नजर आ रही हैं।
माना जा रहा है कि अब टीईटी-2014 शायद अगले साल यानी 2016 में ही हो पाए। 1अनिवार्य शिक्षा कानून लागू होने के बाद राज्य में टीईटी की परीक्षा अब तक सिर्फ दो बार ही हो पाई है। 2011 में हुई परीक्षा माध्यमिक शिक्षा परिषद ने कराई थी और इसके लेकर उठे विवाद अभी तक जारी हैं। इसके बाद ही परीक्षा की जिम्मेदारी नियामक अधिकारी कार्यालय को दी गई थी। ऐसी परीक्षाओं की विशेषज्ञता के कारण नियामक प्राधिकारी ने बिना विवाद के परीक्षा संपन्न कराई थी लेकिन वह 2014 की परीक्षा का कार्यक्रम घोषित न कर सका। इसके लिए कई बार शासन को प्रस्ताव भेजा गया लेकिन सहमति न मिल सकी। एनआईसी ने भी सर्वर की व्यस्तता की वजह से टीईटी कराने में असमर्थता जताई थी। वैसे भी सरकार की प्राथमिकता टीईटी की बजाय बीटीसी व प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती ही रही। नियामक प्राधिकारी कार्यालय के सूत्रों के अनुसार इससे पहले यह योजना बनाई गई थी कि दिसंबर में टीईटी कराने का प्रस्ताव भेजा जाए लेकिन मौजूदा समय में ऐसा मुमकिन होता नहीं प्रतीत हो रहा है। पंचायत चुनाव एवं अन्य व्यस्तताओं के चलते टीईटी हो पाना मुश्किल लग रहा है।
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