चयनित शिक्षकों को 4 साल बाद भी नहीं मिली तैनाती
इलाहाबाद (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से चयनित शिक्षकों को चयन के चार वर्ष बाद भी तैनाती नहीं मिल सकी है। चयन बोर्ड की ओर से शासन के पास नियमावली में संशोधन के लिए भेजे गए प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं होने से लगभग 700 चयनित शिक्षकों को विद्यालयों में तैनाती नहीं मिल सकी है।
सरकार की उदासीनता के कारण नियुक्ति पत्र की आश में चयनित शिक्षक भटक रहे हैं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से 2009 एवं 2010 में चयनित बड़ी संख्या में टीजीटी-पीजीटी शिक्षकों को जिस विद्यालय के नाम नियुक्ति पत्र मिला, उसमें कोई पद खाली नहीं होने की बात कहकर लौटा दिया गया। बड़ी संख्या में विद्यालयों में पहले से ही कोई इन पदाें पर अध्यापन कर रहा था। ऐसे में इन शिक्षकों को बैरंग वापस कर दिया गया। चयनित शिक्षकों ने नए विद्यालय में समायोजन करने की मांग को लेकर चयन बोर्ड के सामने 2014 में लगभग दो महीने तक क्रमिक अनशन किया था। इसके बाद भी उन्हें तैनाती नहीं मिल सकी। हाईकोर्ट की ओर से विज्ञापन के सापेक्ष ही समायोजन करने का आदेश दिया है। ऐसे में इन शिक्षकों के समायोजन के लिए सरकार को चयन बोर्ड नियमावली में संशोधन करना होगा। सरकार की ओर से चयन बोर्ड की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर अमल नहीं किए जाने केकारण मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है। चयन बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारी समर बहादुर सिंह ने बताया कि शासन की अनुमति के बाद ही समायोजन किया जा सकेगा।
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सरकार की उदासीनता के कारण नियुक्ति पत्र की आश में चयनित शिक्षक भटक रहे हैं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से 2009 एवं 2010 में चयनित बड़ी संख्या में टीजीटी-पीजीटी शिक्षकों को जिस विद्यालय के नाम नियुक्ति पत्र मिला, उसमें कोई पद खाली नहीं होने की बात कहकर लौटा दिया गया। बड़ी संख्या में विद्यालयों में पहले से ही कोई इन पदाें पर अध्यापन कर रहा था। ऐसे में इन शिक्षकों को बैरंग वापस कर दिया गया। चयनित शिक्षकों ने नए विद्यालय में समायोजन करने की मांग को लेकर चयन बोर्ड के सामने 2014 में लगभग दो महीने तक क्रमिक अनशन किया था। इसके बाद भी उन्हें तैनाती नहीं मिल सकी। हाईकोर्ट की ओर से विज्ञापन के सापेक्ष ही समायोजन करने का आदेश दिया है। ऐसे में इन शिक्षकों के समायोजन के लिए सरकार को चयन बोर्ड नियमावली में संशोधन करना होगा। सरकार की ओर से चयन बोर्ड की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर अमल नहीं किए जाने केकारण मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है। चयन बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारी समर बहादुर सिंह ने बताया कि शासन की अनुमति के बाद ही समायोजन किया जा सकेगा।
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