इलाहाबाद : टीईटी संघर्ष मोर्चा शिक्षामित्रों के खिलाफ आरपार
की लड़ाई लड़ेगा। यह संघर्ष सिर्फ सड़क तक ही सीमित नहीं होगा, बल्कि
न्यायालय में भी अपना पक्ष रखेगा। सुप्रीम कोर्ट में 30 नवंबर को होनी वाली
सुनवाई के संबंध में टीईटी मोर्चा कौन-कौन से बिंदु उठाएगा, इस पर विस्तार
से मंथन हुआ।
टीईटी मोर्चा के प्रदेश नेतृत्वकर्ता जितेंद्र सिंह सेंगर ने कहा कि हाई कोर्ट ने शिक्षामित्रों की नियुक्ति रद की है। उनके समायोजन को वाजिब ठहराने के लिए प्रदेश सरकार जोर लगाए है, लेकिन इसमें टीईटी मोर्चा भी पीछे नहीं रहेगा, जिस तरह हाई कोर्ट में हरसंभव पैरवी की गई वैसे ही सुप्रीम कोर्ट को भी यह अवगत कराया जाएगा कि पूरी तरह से दक्ष युवा सड़क पर घूमने को मजबूर हैं और अयोग्य को शिक्षक बनाया जा रहा है।
मोर्चा के संजीव मिश्र ने कहा कि युवा हताश न हो, जिस तरह से
हाईकोर्ट ने फैसला दिया वैसा ही निर्णय सुप्रीम कोर्ट से भी आने के पूरे
आसार हैं। सबको न्यायपालिका पर भरोसा बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद 72 हजार शिक्षकों के सारे पद भरने के बाद बेरोजगार
युवाओं के लिए और पदों पर नियुक्ति की अनुमति लें ताकि सभी को शिक्षक बनने
का मौका मिले। यहां प्रदेश भर के सभी जनपदों से बड़ी संख्या में युवा
पहुंचे थे। बैठक में सच्चिदानंद चतुर्वेदी, शिखा गुप्ता, मधुमिता शर्मा,
रीता सिंह, इरफान आदि मौजूद थे।
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