शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए जून में विशेष एसटीईटी : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

देश में भले बेरोजगारी बढ़ी हो पर शिक्षा विभाग में शिक्षकों का टोटा
देश में भले बेरोजगारी बढ़ी हो पर शिक्षा विभाग की मानें तो बिहार में गणित और विज्ञान के लिए शिक्षक नहीं मिल रहे। 14 महीने में दो बार नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने बावजूद भागलपुर के प्लस-टू स्कूलों को विज्ञान के शिक्षक नहीं मिले।

पहली प्रक्रिया 24 मार्च 2015 को शुरू हुई थी लेकिन एसटीईटी में विज्ञान का एक भी अभ्यर्थी पास नहीं होने की वजह से एक भी आवेदन नहीं मिला।
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दूसरी बार 20 मार्च 2016 को आवेदन मांगे गए थे लेकिन कंप्यूटर, संगीत के अलावा दूसरे किसी विषय के अभ्यर्थी ने आवेदन नहीं दिया। डीइओ फूल बाबू चौधरी कहते हैं कि विज्ञान के विषयों में शिक्षकों की कमी राज्यस्तर पर है। इसकी वजह यह है कि एसटीईटी में विज्ञान के अभ्यर्थी बहुत कम पास हुए या पास हुए ही नहीं। सबसे कम केवल पांच अभ्यर्थी भौतिकी में पास हुए थे। पूरे राज्य के प्लस टू स्कूलों में भौतिकी के नए शिक्षक सिर्फ पांच हैं। पुराने शिक्षक सेवानिवृत्त होंगे तो इस विषय में शिक्षक मिलेंगे ही नहीं। विज्ञान के दूसरे विषयों रसायनशास्त्र, जीवविज्ञान और गणित में शिक्षकों की स्थिति भौतिकी से कुछ ही ठीक है।

जिले में ज्यादातर नए प्लस-टू या उत्क्रमित प्लस-टू स्कूल हैं। सिर्फ पांच पुराने प्लस-टू स्कूल हैं। इन पुराने प्लस-टू स्कलों में विज्ञान के शिक्षकों की संख्या पर गौर करें तो विज्ञान के सभी विषयों को मिलाकर प्रत्येक स्कूल में तीन से चार शिक्षक ही हैं। भौतिकी के शिक्षक जिला स्कूल में नहीं हैं। मोक्षदा बालिका इंटर स्कूल, गवर्नमेंट गर्ल्स हाईस्कूल, मारवाड़ी पाठशाला में एक-एक शिक्षक हैं। जिला स्कूल और टीएनबी कॉलेजिएट में भौतिकी के शिक्षक हैं ही नहीं। रसायनशास्त्र के शिक्षक जिला स्कूल, मोक्षदा, गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल, मारवाड़ी पाठशाला में एक-एक और टीएनबी कॉलेजिएट में एक भी नहीं है। गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल में गणित के शिक्षक नहीं हैं। जीव विज्ञान के शिक्षक केवल जिला स्कूल में हैं।

जून में विशेष एसटीईटी
शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए सरकार जून में विशेष एसटीईटी परीक्षा लेगी। डीइओ ने बताया कि इसके लिए विभाग ने रिक्तियां मांगी है। सूची विभाग को उपलब्ध करा दी गई है।

करेंगे वैकल्पिक व्यवस्था
डीइओ ने बताया कि फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था से काम चलाया जाएगा। जहां कम छात्र हैं वहां से शिक्षकों को ज्यादा छात्र वाले स्कूलों में भेजा जाएगा। पंचायत चुनाव के बाद इस पर अमल किया जाएगा।
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