राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती में कई नियम बदलने हैं। बेसिक शिक्षा परिषद एवं शासन ने मिलकर इसका खाका भी खींचा है। अध्यापक तैनाती नियमावली में विशेष शिक्षा यानी डीएड एवं
बीएलएड जैसे पाठ्यक्रमों को शामिल भी किया जाना है।
बड़े बदलावों पर मंथन किया गया है, लेकिन यह सारी कवायद बैठक कक्ष तक ही सीमित रही है। कोई चर्चा निर्णायक नहीं हो सकी है। इस अनदेखी से शिक्षक भर्तियां बार-बार न्यायालय पहुंच रही हैं और वह विभागीय अफसरों की किरकिरी कराने के साथ ही अभ्यर्थियों की परेशानी का सबब बनी हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में इन दिनों एक के बाद एक भर्तियां जारी हैं। हालत यह है कि एक प्रक्रिया पूरी नहीं हो रही है कि दूसरी भर्ती शुरू हो जाती है। प्राथमिक विद्यालयों में उर्दू के 3500 भाषा शिक्षकों की नियुक्ति के अलावा 15 हजार शिक्षक भर्ती और इन दिनों 16448 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया चल रही है। उर्दू शिक्षक भर्ती में वैवाहिक शर्त को उकेरने पर बवंडर हो चुका है। उसी बीच बेसिक शिक्षा मंत्री ने नियमों के बदलाव की ओर इशारा किया था, लेकिन कुछ दिन बाद ही सारा प्रकरण ठंडे बस्ते में चला गया। 15 हजार शिक्षकों की भर्ती में कोर्ट के निर्देश पर अभ्यर्थियों के लिए कई बार वेबसाइट खोलनी पड़ी और इन दिनों 16448 शिक्षकों की नियुक्ति में हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश के डिप्लोमा अभ्यर्थियों को भी शामिल करने का निर्देश दिया है। इससे एक बार फिर नियमावली में बदलाव की चर्चा तेज हुई है। असल में बेसिक शिक्षा परिषद अध्यापक तैनाती नियमावली में बदलाव करने के मूड में काफी दिनों से है, लेकिन वह बदलाव के लिए समय तय नहीं हो पा रहा। अब तक अध्यापक सेवा नियमावली 1981 (अद्यतन तथा संशोधित) तथा विद्यालयों में अध्यापक तैनाती नियमावली 2008 (अद्यतन तथा संशोधित) के तहत ही नियुक्ति हो रही है। इसमें हाल के ही कुछ पाठ्यक्रमों का जिक्र तक नहीं है। मसलन विशेष शिक्षा यानी डीएड, बीएलएड आदि। ऐसे ही केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा की तर्ज पर 82 अंक को बेसिक शिक्षा परिषद ने भी मान्यता दिया है। यही नहीं 2010 तक बीटीसी के प्रशिक्षितों को वरिष्ठता के आधार पर स्कूलों में तैनाती दी जाती थी, लेकिन अब मेरिट एवं टीईटी को वेटेज दिया जा रहा है।
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बीएलएड जैसे पाठ्यक्रमों को शामिल भी किया जाना है।
बड़े बदलावों पर मंथन किया गया है, लेकिन यह सारी कवायद बैठक कक्ष तक ही सीमित रही है। कोई चर्चा निर्णायक नहीं हो सकी है। इस अनदेखी से शिक्षक भर्तियां बार-बार न्यायालय पहुंच रही हैं और वह विभागीय अफसरों की किरकिरी कराने के साथ ही अभ्यर्थियों की परेशानी का सबब बनी हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में इन दिनों एक के बाद एक भर्तियां जारी हैं। हालत यह है कि एक प्रक्रिया पूरी नहीं हो रही है कि दूसरी भर्ती शुरू हो जाती है। प्राथमिक विद्यालयों में उर्दू के 3500 भाषा शिक्षकों की नियुक्ति के अलावा 15 हजार शिक्षक भर्ती और इन दिनों 16448 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया चल रही है। उर्दू शिक्षक भर्ती में वैवाहिक शर्त को उकेरने पर बवंडर हो चुका है। उसी बीच बेसिक शिक्षा मंत्री ने नियमों के बदलाव की ओर इशारा किया था, लेकिन कुछ दिन बाद ही सारा प्रकरण ठंडे बस्ते में चला गया। 15 हजार शिक्षकों की भर्ती में कोर्ट के निर्देश पर अभ्यर्थियों के लिए कई बार वेबसाइट खोलनी पड़ी और इन दिनों 16448 शिक्षकों की नियुक्ति में हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश के डिप्लोमा अभ्यर्थियों को भी शामिल करने का निर्देश दिया है। इससे एक बार फिर नियमावली में बदलाव की चर्चा तेज हुई है। असल में बेसिक शिक्षा परिषद अध्यापक तैनाती नियमावली में बदलाव करने के मूड में काफी दिनों से है, लेकिन वह बदलाव के लिए समय तय नहीं हो पा रहा। अब तक अध्यापक सेवा नियमावली 1981 (अद्यतन तथा संशोधित) तथा विद्यालयों में अध्यापक तैनाती नियमावली 2008 (अद्यतन तथा संशोधित) के तहत ही नियुक्ति हो रही है। इसमें हाल के ही कुछ पाठ्यक्रमों का जिक्र तक नहीं है। मसलन विशेष शिक्षा यानी डीएड, बीएलएड आदि। ऐसे ही केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा की तर्ज पर 82 अंक को बेसिक शिक्षा परिषद ने भी मान्यता दिया है। यही नहीं 2010 तक बीटीसी के प्रशिक्षितों को वरिष्ठता के आधार पर स्कूलों में तैनाती दी जाती थी, लेकिन अब मेरिट एवं टीईटी को वेटेज दिया जा रहा है।
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