शिक्षामित्रों के समर्थन में उतरे अखिलेश यादव, दिया बड़ा बयान

लखनऊ.बुधवार से सूबे के शिक्षामित्रों में फैल रहा आक्रोश अब शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द करने के बाद प्रदेश भर में उग्र आंदोलन देखने को मिल रहा है।
इसके चलते कुछ जिलों में शिक्षकों पर लाठियां बरसाई जा रही हैं तो कुछ की हार्ट अटैक से मौत हो रही है। यह सब देख पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का दिल पसीज उठा है और उन्होंने शिक्षामित्रों के प्रति अपना समर्थन पेश किया है।
सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शिक्षामित्रों की दयनीय स्थिति पर दुख जताते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने के पीछे बीजेपी सरकार की असावधानी और लचर पैरवी है।

बीजेपी कर रही शिक्षामित्रों का उत्पीड़न-
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि समाजवादी सरकार ने 1.72 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन कर उन्हें सम्मानपूर्वक जीने का अवसर दिया था, लेकिन बीजेपी सरकार बनते ही शिक्षामित्रों के उत्पीड़न की कार्यवाही शुरू हो गई है। भाजपा के सत्ता में आते ही छात्रों-नौजवानों, वित्त विहीन शिक्षकों, कर्मचारियों सहित समाज के कमजोर वर्ग का उत्पीड़न शुरू हो गया है।

मृत शिक्षामित्रों के आश्रितों मिले 50-50 लाख-
सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मांग की है कि सरकार को शिक्षा मित्रों के समायोजन के लिए जहां पुनर्विचार याचिका दाखिल करनी चाहिए, वहीं मृत शिक्षामित्रों के आश्रितों को 50-50 लाख रूपये की तत्काल सहायता देनी चाहिएष। सरकार को घायलों का इलाज एवं पर्याप्त मुआवजा दिये जाने की व्यवस्था भी करनी चाहिए।
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अखिलेश ने आगे कहा कि सहायक शिक्षकों के पद पर शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने से लाखों परिवारों के समक्ष जीवनयापन और रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। इस अवसाद में एक महिला शिक्षिका की हार्ट अटैक से मौत हो गई है, तो एक अन्य शिक्षामित्र की जहर खाने से मौत हो गई है, वहीं एक जिले में किसी ने आत्महत्या कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली है।

यूपी के कई जिलों में शिक्षामित्रों को अखिलेश सरकार की याद आई है। उन्होंने कहा है कि अखिलेश सरकार में शिक्षामित्रों की जिस तरह पैरवी की गई थी, उस तरह योगी सरकार में पैरवी नहीं हुई। अखिलेश सरकार के ​सभी शिक्षामित्र बहुत आभारी हैं।
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