ये खबर सभी शिक्षामित्र जरूर पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से घबराने की जरूरत नही है,संविधान में 9वीं अनुसूची (9th Schedule) की व्यवस्था है।
इसमें अगर कोई कानून बनाकर डाल दिया जाए,तो उसे न्यायालय में चुनौती नही दी जा सकती।अर्थात इस अनुसूची में किसी अधिनियम या अध्यादेश या कानून को शामिल कर न्यायालय के समीक्षा (Judicial Review) से बचाया जासकता है। सन 1951 से आज तक इस अनुसूची के 311 से अधिक कानून/अधिनियम डाले जा चुके हैं। जिन पर न्यायालय समीक्षा नही कर सकता। अतः उपरोक्त व्यवस्था के लिए आप अपने नेता के माध्यम से मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी जी से मिलकर शिक्षामित्रो को सीधे सहायक अध्यापक बनाने संबंधी कानून/अधिनियम पास करावें।तत्पश्चात मा0 प्रधानमंत्री श्री मोदी जी से मिलकर उस कानून या अधिनियम को संविधान संशोधन कराकर संविधान की 9वी अनुसूची में शामिल कराएं।उसके बाद न्यायालय का समीक्षा का अधिकार उस कानून पर खत्म होगा और शिक्षमित्र सहायक अध्यापक बन सकेंगे बिना किसी विरोध के क्योंकि इस कानून के खिलाफ विरोधी भी अदालत नही जा सकता।। मित्रो हम शिक्षामित्रो को हमेसा नियमो का हवाला देकर सभी ने अयोग्य ठहराया है.मगर इस तरह से हम सबको मुँह तोड़ जवाब देते हुए अपना हक एवम अधिकार प्राप्त करसकते है क्योंकि जब बात नियमो की आयी है तो अब हम शिक्षमित्र इस नियम की बात करके अपनी नौकरी बचाने की मांग करेंगे ।।।।जय शिक्षमित्र जल्द से जल्द इसे ज्यादा से ज्यादा फारवर्ड करे और योगी जी तक पहुचाये सुर सभी शिक्षामित्रो को इससे अवगत करावे।।।आपका प्रियांक तिवारी,कानपुर
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इसमें अगर कोई कानून बनाकर डाल दिया जाए,तो उसे न्यायालय में चुनौती नही दी जा सकती।अर्थात इस अनुसूची में किसी अधिनियम या अध्यादेश या कानून को शामिल कर न्यायालय के समीक्षा (Judicial Review) से बचाया जासकता है। सन 1951 से आज तक इस अनुसूची के 311 से अधिक कानून/अधिनियम डाले जा चुके हैं। जिन पर न्यायालय समीक्षा नही कर सकता। अतः उपरोक्त व्यवस्था के लिए आप अपने नेता के माध्यम से मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी जी से मिलकर शिक्षामित्रो को सीधे सहायक अध्यापक बनाने संबंधी कानून/अधिनियम पास करावें।तत्पश्चात मा0 प्रधानमंत्री श्री मोदी जी से मिलकर उस कानून या अधिनियम को संविधान संशोधन कराकर संविधान की 9वी अनुसूची में शामिल कराएं।उसके बाद न्यायालय का समीक्षा का अधिकार उस कानून पर खत्म होगा और शिक्षमित्र सहायक अध्यापक बन सकेंगे बिना किसी विरोध के क्योंकि इस कानून के खिलाफ विरोधी भी अदालत नही जा सकता।। मित्रो हम शिक्षामित्रो को हमेसा नियमो का हवाला देकर सभी ने अयोग्य ठहराया है.मगर इस तरह से हम सबको मुँह तोड़ जवाब देते हुए अपना हक एवम अधिकार प्राप्त करसकते है क्योंकि जब बात नियमो की आयी है तो अब हम शिक्षमित्र इस नियम की बात करके अपनी नौकरी बचाने की मांग करेंगे ।।।।जय शिक्षमित्र जल्द से जल्द इसे ज्यादा से ज्यादा फारवर्ड करे और योगी जी तक पहुचाये सुर सभी शिक्षामित्रो को इससे अवगत करावे।।।आपका प्रियांक तिवारी,कानपुर
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