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TET एग्जाम में किसी ने पकड़ा टीचर का पैर, कोई पीटता रहा दरवाजा-ऐसा रहा स्टूडेंट का हाल

TET एग्जाम में देरी से पहुंचने पर अभ्यार्थी टीचर का पैर पकड़कर अंदर जाने की रिक्वेट करते रहे।
लखनऊ. यहां रविवार को प्रदेश भर में टीईटी एग्जाम का आयोजन किया गया।
टीईटी एग्जाम देने के लिए सेंटर पर पहुंचे हजारों कैंडिडेट्स को एग्जाम देने से रोक दिया गया। बताया जा रहे कि ये कैंडिडेट्स देर से सेंटर पर पहुंचे थे। वहीं कैंडिडेट्स का आरोप है उनके एडमिट कार्ड पर आधा अधूरा एड्रेस लिखा हुआ था। इसलिए पता ढूढंने में उनका टाइम वेस्ट हो गया। Dainikbhaskar.com ने टीईटी एग्जाम देने लखनऊ पहुंचे कैंडिडेट्स के परिजनों से बात की और उनकी आप बीती को जाना।


गार्ड के आगे गिड़गिड़ाने पर मिली एंट्री....



- आजमगढ़ निवासी ने कहा,''मैं 500 रुपए किराया देकर अपनी वाइफ रेनू का एग्जाम दिलाने के लिए लखनऊ पहुंचा था। एडमिट कार्ड पर स्कूल का आधा अधूरा एड्रेस लिखा था और पता गोमती नगर लिखा हुआ था।''
-''किस सेक्टर में है, इसकी कोई सूचना नहीं थी। सुबह से ही ऑटो से गोमती नगर के अलग-अलग चौराहों का चक्कर लगाता रहा।''
-''10 बजे एग्जाम था, 9.54 मिनट पर हम गोमतीनगर के विनय खण्ड-4 पहुंचे। गेट पर गार्ड ने रोक लिया। गार्ड के सामने कई बार गिड़गिड़ाया तब उसने अंदर जाने दिया।''



4 घंटे भटकने के बाद मिला सेंटर
- वाराणसी के कृष्ण कुमार ने कहा,''मैंने शनिवार रात 8 बजे अपनी वाइफ रेखा को एग्जाम दिलाने के लिए बस पकड़ी थी। सुबह 4 बजे चारबाग स्टेशन पहुंचा। उसके बाद गोमतीनगर एग्जाम सेंटर जाने के लिए ऑटो लिया।''
-''ड्राइवर ने दोनों से 120 रुपए लेकर विकासनगर पहुंचाया। वहां ये कहते हुए उतार दिया कि आपका सेंटर बस आगे ही है। मैं अपनी वाइफ को लेकर 2 किमी. पैदल चला। बड़ी मुश्किल से एग्जाम सेंटर पहुंचा तब जाकर उसे एग्जाम देने का मौका मिल पाया।''



रोता रहा लेकिन नहीं खुला दरवाजा
- उन्नाव के उत्कर्ष सिन्हा ने कहा,''मैं घर से बस पकड़कर लखनऊ के लिए निकला था। रास्ते मे काफी ट्रैफिक था। 9.50 पर लखनऊ स्टेशन पहुंच गया। एडमिट कार्ड पर आधा अधूरा पता लिखा था। मैं वहां से केकेसी पहुंचा, गार्ड बोला तुम्हारा सेंटर यहां नहीं केकेवी है।''

-''मैं केकेवी पहुंचा। वहां बताया गया कि सेंटर यहां नहीं बल्कि केकेसी ही है। जब तब फ‍िर स्कूल पहुंचा गेट बंद हो चुका था। 20 मिनट तक गार्डो और चेकिंग अधिकारियों के आगे गिड़गिड़ाता रहा लेकिन अंदर नहीं जाने दिया गया।



अधिकारियों ने क्या कहा
- डीआईओएस मुकेश मुकेश कुमार सिंह ने कहा,''टीईटी एग्जाम में सेंटर संबंधी प्रॉब्लम के लिए अखबारों के माद्यम से टोल फ्री नम्बरों की जानकारी दी गई थी। मैं खुद सुबह से टोल फ्री नंबर पर आने वाली कॉल्स को अटेंडट कर रहा हूं।''
-''काफी सारे कैंडिडेट्स की हेल्प भी की गई है। जिन लोगों ने एड्रेस आधे अधूरे या फिर गलत लिखे हुए थे। उन्हें टोल फ्री नंबर पर फोन करके जानकारी लेनी चाहिए थी। जिन छात्रों की परीक्षा छूटी है। उसके लिए वे खुद जिम्मेदार है।''

- यूपी के अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा, राज प्रताप सिंह ने कहा,''छात्रों को एडमिट कार्ड डाउनलोड करते टाइम ही अपने सेंटर के नाम और पते को चेक कर लेना चाहिए था।''
-''उन्हें कोई प्रोब्लम थी तो उन्हें पहले ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बात कर कन्फ्यूजन दूर कर लेना चाहिए था। जिन छात्रों की परीक्षा छूट गई है। उसके लिए शिक्षा विभाग कही से भी जिम्मेदार नहीं है।''
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