प्राथमिक स्कूल अड़ासेई में पढ़ाने वाले सुनीता कुमारी ऐसी ही संजीदा टीचर हैं। इन्हें अपने को होनी वाली बीमारी उसके लिए छुट्टी की जरूरत का पहले ही पता चल गया।
इसके लिए यह 13 नवंबर से बीमार होने पर छुट्टी का प्रार्थना पत्र पहले ही जमाकर नदारद हो गई। निरीक्षण पर पहुंचे बीएसए डा. इन्द्रजीत प्रजापति ने गैरजिम्मदारी पर नोटिस जारी किया है।
पीलीभीत हिन्दुस्तान संवादउनकी नौकरी बेहतर है, अच्छी पगार है, नौकरी से ही समाज में मान सम्मान है, पर उनमें नहीं है तो अपनी जिम्मेदारी, अपने कर्तव्य का अहसास। नौकरी के प्रति भी उनमें निष्ठा नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक की नौकरी हासिल करने के बाद अपनी जिम्मेदारी के प्रति बेपरवाह हुए ऐसे 17 शिक्षकों की नौकरी अब खतरे में है। बीएसए ने इन शिक्षकों को सेवा समाप्ति का नोटिस जारी कर दिया है।बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ा रहे स्थाई और अस्थाई शिक्षकों पर गरीब बच्चों का भविष्य गढ़ने की बड़ी जिम्मेदारी है। विभाग में तैनात कई शिक्षक ऐसे हैं जिनको अपनी जिम्मेदारी से कोई सरोकार नहीं है। यह शिक्षक न तो समय से स्कूल पहुंचते हैं और न ही बच्चों को पढ़ाने में इन्हें कोई दिलचस्पी है। विभागीय अधिकारियों के निरीक्षण में हर बार ऐसे शिक्षक पकड़े जाते हैं पर उनके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं होती है। बीएसए डा. इन्द्रजीत प्रजापति ने इस बार गैरजिम्मेदार शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का मन बनाया है। बीएसए ने आठ अक्टूबर को जिले के कई स्कूलों में छापा मारा था। इनमें प्राइमरी और जूनियर स्कूल धर्मापुर, प्राइमरी स्कूल बंजरिया, उच्च प्राथमिक स्कूल मुजफ्फर नगर, निजामपुर में उन्हें या तो शिक्षक बिना किसी सूचना के नदारद मिले या सुबह स्कूल समय पर खुले हुए नहीं मिले। इस पर उन्होंने इन स्कूलों में तैनात स्थाई शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही थी। गुरुवार को उन्होंने इन स्कूलों में तैनात चार शिक्षकों, पांच शिक्षामित्रों और छह अनुदेशकों को सेवा समाप्ति का का नोटिस जारी कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने 178 दिनों से गैरहाजिर चल रहे शिक्षक मुनीश अवस्थी को भी सेवा समाप्ति का नोटिस जारी किया है।
निरीक्षण को बीएसए दोपहर में चंदोई के प्राथमिक व जूनियर स्कूल में पहुंचे। प्राइमरी स्कूल में उन्हें कुल पंजीकृत 239 बच्चों में से 55 ही उपस्थित मिले। एमडीएम पंजिका में उपस्थिति 89 बच्चों की मिली। एमडीएम में बंटने वाली तहरी भी नहीं मिली। सिर्फ चार लीटर दूध बंटने की जानकारी मिली। जूनियर स्कूल में पंजीकृत 105 बच्चों में से उन्हें 38 ही उपस्थित मिले पर एमडीएम पंजिका में 62 बच्चों की उपस्थिति दर्ज मिली। यहां एमडीएम नहीं बांटा गया। बीएसए ने उनका वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण मांगा।
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इसके लिए यह 13 नवंबर से बीमार होने पर छुट्टी का प्रार्थना पत्र पहले ही जमाकर नदारद हो गई। निरीक्षण पर पहुंचे बीएसए डा. इन्द्रजीत प्रजापति ने गैरजिम्मदारी पर नोटिस जारी किया है।
पीलीभीत हिन्दुस्तान संवादउनकी नौकरी बेहतर है, अच्छी पगार है, नौकरी से ही समाज में मान सम्मान है, पर उनमें नहीं है तो अपनी जिम्मेदारी, अपने कर्तव्य का अहसास। नौकरी के प्रति भी उनमें निष्ठा नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक की नौकरी हासिल करने के बाद अपनी जिम्मेदारी के प्रति बेपरवाह हुए ऐसे 17 शिक्षकों की नौकरी अब खतरे में है। बीएसए ने इन शिक्षकों को सेवा समाप्ति का नोटिस जारी कर दिया है।बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ा रहे स्थाई और अस्थाई शिक्षकों पर गरीब बच्चों का भविष्य गढ़ने की बड़ी जिम्मेदारी है। विभाग में तैनात कई शिक्षक ऐसे हैं जिनको अपनी जिम्मेदारी से कोई सरोकार नहीं है। यह शिक्षक न तो समय से स्कूल पहुंचते हैं और न ही बच्चों को पढ़ाने में इन्हें कोई दिलचस्पी है। विभागीय अधिकारियों के निरीक्षण में हर बार ऐसे शिक्षक पकड़े जाते हैं पर उनके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं होती है। बीएसए डा. इन्द्रजीत प्रजापति ने इस बार गैरजिम्मेदार शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का मन बनाया है। बीएसए ने आठ अक्टूबर को जिले के कई स्कूलों में छापा मारा था। इनमें प्राइमरी और जूनियर स्कूल धर्मापुर, प्राइमरी स्कूल बंजरिया, उच्च प्राथमिक स्कूल मुजफ्फर नगर, निजामपुर में उन्हें या तो शिक्षक बिना किसी सूचना के नदारद मिले या सुबह स्कूल समय पर खुले हुए नहीं मिले। इस पर उन्होंने इन स्कूलों में तैनात स्थाई शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही थी। गुरुवार को उन्होंने इन स्कूलों में तैनात चार शिक्षकों, पांच शिक्षामित्रों और छह अनुदेशकों को सेवा समाप्ति का का नोटिस जारी कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने 178 दिनों से गैरहाजिर चल रहे शिक्षक मुनीश अवस्थी को भी सेवा समाप्ति का नोटिस जारी किया है।
निरीक्षण को बीएसए दोपहर में चंदोई के प्राथमिक व जूनियर स्कूल में पहुंचे। प्राइमरी स्कूल में उन्हें कुल पंजीकृत 239 बच्चों में से 55 ही उपस्थित मिले। एमडीएम पंजिका में उपस्थिति 89 बच्चों की मिली। एमडीएम में बंटने वाली तहरी भी नहीं मिली। सिर्फ चार लीटर दूध बंटने की जानकारी मिली। जूनियर स्कूल में पंजीकृत 105 बच्चों में से उन्हें 38 ही उपस्थित मिले पर एमडीएम पंजिका में 62 बच्चों की उपस्थिति दर्ज मिली। यहां एमडीएम नहीं बांटा गया। बीएसए ने उनका वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण मांगा।
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