Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

SC का शिक्षा मित्रों की मांग पर विचार से इंकार

नई दिल्ली : सहायक शिक्षक पद पर नियमित होने के लिए संघर्षरत उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों को फिर सुप्रीम कोर्ट से एक बार फिर मायूसी मिली है.
शुक्रवार को अदालत ने उनकी सेवानिवृति और पेंशन लाभ दिये जाने की मांग वाली याचिका को समय पूर्व दाखिल किए जाने से विचार करने से इन्कार कर दिया. हालांकि कोर्ट ने याचिकाकर्ता शिक्षा मित्रों को उचित फोरम के सामने अपनी बात रखने की छूट दे दी.
उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ व न्यायमूर्ति अमिताव राय की पीठ के समक्ष याचिकाकर्ताओं के वकील ने कोर्ट से अनुरोध किया कि वह सरकार को आदेश दे कि 23 अगस्त 2010 से पहले शिक्षा मित्र या सहायक शिक्षक के तौर पर काम कर रहे शिक्षामित्र दो साल के भीतर जरूरी योग्यता हासिल कर नियमित नियुक्ति पा लेते हैं, तो उनकी शिक्षामित्र की नौकरी को भी सेवा अवधि में जोड़े जाने के साथ उन्हें सेवानिवृति के अन्य लाभ व पेंशन लाभ दिए जाने की मांग की थी. बता दें कि कोर्ट ने उनकी दलीलें खारिज करते हुए कहा कि यह याचिका समय पूर्व पेश की गई है. अभी याचिकाकर्ताओं को परीक्षा पास करनी है ये स्थिति उसके बाद की है. अभी इस मामले पर विचार नहीं हो सकता.

गौरतलब है कि 25 जुलाई के अपने निर्णय में उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि शिक्षा मित्र दो साल के भीतर सहायक शिक्षक बनने की योग्यता हासिल कर नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल ले सकते हैं. सरकार उन्हें इसके लिए जरूरी छूट भी दे सकती है.लेकिन कोर्ट ने यह भी कहा था कि दो साल तक उन्हें शिक्षा मित्र के रूप में काम करना होगा.
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

Post a Comment

0 Comments

latest updates

latest updates