इलाहाबाद : सहायक अध्यापकों की पहली बार होने जा रही लिखित परीक्षा
प्रतियोगी परीक्षाओं में बड़े बदलाव का कारक भी बनने जा रही है। ऐसा भी
पहली बार होने जा रहा है कि सब्जेक्टिव इम्तिहान की उत्तरकुंजी कोई
परीक्षा संस्था जारी करेगी।
इसके मूल में परीक्षा की
पारदर्शिता है, ताकि हर अभ्यर्थी को यह पता रहे कि फलां सवाल का उसने जो
जवाब लिखा है वह सही है या नहीं। यही नहीं, इस परीक्षा के प्रश्नों का
विकल्प नहीं दिया जाना है, उसके बाद भी जवाब एक ही होगा। ऐसे में
प्रश्नपत्र बनाने का कार्य भी चुनौती भरा है। 1बेसिक शिक्षा परिषद के 68500
सहायक अध्यापकों की भर्ती परीक्षा 12 मार्च को होनी है। शासन ने इसकी गाइड
लाइन व परीक्षा संस्था तय कर दिया है। इस परीक्षा में अर्हता अंक भी तय
किए गए हैं, यानी सामान्य वर्ग 45 फीसदी व एससी/एसटी का अभ्यर्थी 40 फीसदी
से कम आने पर अनुत्तीर्ण होगा। उसे प्रमाणपत्र भी निर्गत नहीं किया जाएगा।
यह परीक्षा ही शिक्षक भर्ती का मुख्य आधार होनी है, ऐसे में हर अभ्यर्थी के
लिए एक-एक अंक काफी अहम होगा। शासन यह परीक्षा ओएमआर शीट पर नहीं करा रहा
है, बल्कि अति लघु उत्तरीय प्रश्नों का जवाब लिखकर देना है, ताकि भावी
शिक्षकों के लेखन ज्ञान का पता चल सके। प्रश्नपत्र इस तरह से तैयार होगा कि
हर सवाल के नीचे लिखने की जगह दी जाएगी। पूछे जाने वाले प्रश्नों का जवाब
ऐसा हो कि वह एक या दो लाइन में न लिखा जाए, बल्कि दो या तीन शब्दों में ही
हल निकल आए
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