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Breaking : 2012 से 2018 के बीच नियुक्त तकरीबन 50 हजार शिक्षकों की किस्मत का फैसला 27 नवंबर को

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत और 2012 से 2018 के बीच नियुक्त तकरीबन 50 हजार शिक्षकों की किस्मत का फैसला 27 नवंबर को होगा।
परसुइंग/अपीयरिंग विवाद और गणित/विज्ञान की 29334 शिक्षक भर्ती में प्रोफेशनल डिग्रीधारियों के विवाद की अंतिम सुनवाई 27 को सुप्रीम कोर्ट में होनी है।
50 हजार शिक्षकों की नौकरी हाईकोर्ट के 30 मई 2018 के उस आदेश के बाद सवालों के घेरे में आ गई थी जिसमें हाईकोर्ट ने कहा था कि जिन शिक्षकों के ट्रेनिंग (बीएड, बीटीसी आदि) का परिणाम उनके टीईटी के परिणाम के बाद आया है उनकी नियुक्ति मान्य नहीं है।
इस आदेश के कारण 2012 के बाद प्राथमिक स्कूलों के लिए हुई 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती, 9770, 10800, 10000, 15000, 16448, 12460 सहायक अध्यापक व उर्दू भर्ती के अलावा उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिए हुई विज्ञान व गणित विषय के 29334 सहायक अध्यापक भर्ती में नियुक्त तकरीबन 50 हजार शिक्षक प्रभावित हैं।
प्रभावित शिक्षक सर्वोच्च न्यायालय में अपना मुकदमा लड़ रहे हैं जबकि राज्य सरकार ने इन शिक्षकों के पक्ष में न तो कोई एसएलपी दायर की और न ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद अपना जवाब लगाया है। 23 अक्तूबर को पिछली तारीख पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा दिया था कि 27 नवंबर को अंतिम सुनवाई होगी। सुनवाई से तीन दिन पहले सभी पक्ष अपना जवाब लगा दें।

परसुइंग/अपीयरिंग विवाद में हाईकोर्ट के आदेश से प्रभावित शिक्षक और गणित/विज्ञान विषय की 29334 भर्ती में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को पक्ष रखने का समय दिया था। लेकिन बेसिक शिक्षा परिषद के अतिरिक्त किसी ने कोई जवाब दाखिल नहीं किया है। जबकि एनसीटीई का जवाब नियुक्त शिक्षकों के खिलाफ है। राज्य सरकार पूर्व की भर्तियों के प्रति संवेदनहीन है।

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