लखनऊ
= 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती के परिणाम पर लगी रोक को एक दिन के लिए
और बढ़ा दिया गया है। बुधवार को भी कोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी। 69 हजार
पदों पर भर्ती के लिए 6 जनवरी को लिखित परीक्षा हुई थी। गौरतलब है कि कई
अभ्यर्थियों ने परीक्षा में 60 व 65 प्रतिशत क्वालिफाइंग मार्क्स तय किये
जाने को चुनौती दी है।
8 जनवरी को परीक्षा की आंसर की जारी की गईं थीं हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 17 जनवरी को भर्ती की लिखित परीक्षा के परिणाम पर रोक लगा दी थी। इसके बाद 21 जनवरी को यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश अगली सुनवाई के लिए 29 जनवरी की तिथि तय की गयी । हालांकि 22 जनवरी को शिक्षक भर्ती का परिणाम घोषित होना था।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षकों के 69 हजार पदों पर भर्ती की परीक्षा के क्वालिफाइंग मार्क्स को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी गई थी। दर्जनों याचियों की ओर से दाखिल अलग-अलग नौ याचिकाओं में सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 के क्वालिफाइंग मार्क्स को लेकर चुनौती दी गई थी।
याचियों के अधिवक्ता अमित सिंह भदौरिया के अनुसार 7 जनवरी को राज्य सरकार ने जनरल कैटगरी के लिए क्वालिफाइंग मार्क्स 65 प्रतिशत जबकि रिजर्व कैटगरी के लिए 60 प्रतिशत रखने की घोषणा की। याचिकाओं में कहा गया है कि विज्ञापन में ऐसे किसी क्वालिफाइंग मार्क्स की बात नहीं की गई थी। लिहाजा बाद में क्वालिफाइंग मार्क्स तय करना विधि सम्मत नहीं है।
8 जनवरी को परीक्षा की आंसर की जारी की गईं थीं हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 17 जनवरी को भर्ती की लिखित परीक्षा के परिणाम पर रोक लगा दी थी। इसके बाद 21 जनवरी को यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश अगली सुनवाई के लिए 29 जनवरी की तिथि तय की गयी । हालांकि 22 जनवरी को शिक्षक भर्ती का परिणाम घोषित होना था।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षकों के 69 हजार पदों पर भर्ती की परीक्षा के क्वालिफाइंग मार्क्स को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी गई थी। दर्जनों याचियों की ओर से दाखिल अलग-अलग नौ याचिकाओं में सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 के क्वालिफाइंग मार्क्स को लेकर चुनौती दी गई थी।
याचियों के अधिवक्ता अमित सिंह भदौरिया के अनुसार 7 जनवरी को राज्य सरकार ने जनरल कैटगरी के लिए क्वालिफाइंग मार्क्स 65 प्रतिशत जबकि रिजर्व कैटगरी के लिए 60 प्रतिशत रखने की घोषणा की। याचिकाओं में कहा गया है कि विज्ञापन में ऐसे किसी क्वालिफाइंग मार्क्स की बात नहीं की गई थी। लिहाजा बाद में क्वालिफाइंग मार्क्स तय करना विधि सम्मत नहीं है।