लखनऊ। योगी सरकार प्राइमरी स्कूलों में बेहतर शिक्षा और छात्रा की दक्षता बढ़ाने के लिए प्रेरक मिशन शुरू करने जा रही है। सरकार का दावा है कि प्रेरक मिशन छह महीने में प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों की तस्वीर को
बदल देगा। प्रदेश के सभी जिलों में पहले एक प्रेरक विद्यालय बनाया जाएगा। इसी तर्ज जिले के विद्यालयों को प्रेरक विद्यालय के रूप में तैयार किया जाएगा। यही नहीं सरकार की ओर से निर्धारित तीसरी संस्था प्रेरक विद्यालयों के बच्चों की दक्षता की जांच करेगी। संस्था की जांच में खरा उतरने के बाद उसे प्रेरक विद्यालय व जिला का खिताब दिया जाएगा। इसके अलावा यहां पढ़ाने वाले शिक्षकों को प्रेरक शिक्षक के रूप में सम्मानित किया जाएगा।उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों के छात्रों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश की योगी सरकार प्रतिबद्धता से काम कर रही है। परिषदीय स्कूलों के बच्चों की भाषा और गणित में दक्षता बढ़ाने के लिए पूरे प्रदेश में प्रेरणा ज्ञानोत्सव अभियान की शुरूआत की गई है। बच्चों को आधारभूत लर्निंग कौशल बढ़ाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है। इसे लेकर अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने दिशा निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। कक्षा एक तीन तक छात्रों की दक्षता की पहचान 14 बिंदुओं पर की जाएगी, जबकि कक्षा चार व पांच के छात्रों की दक्षता की पहचान 16 बिंदुओं पर होगी। इन बिंदुओं के हिसाब से शिक्षकों को छात्रों को तैयार करना होगा। शिक्षक के प्रेरक विद्यालय घोषित करने के बाद तीसरी संस्था बच्चों की दक्षता की जांच करेगी।
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