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20 लाख गर्भवती महिलाओं की होगी पहचान , विद्यालयों को मिली नयी जिम्मेदारी : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

प्रसव के दौरान मां व नवजात शिशु के मृत्यु दर को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर मनाये जा रहे ‘मातृत्व सप्ताह’ के दौरान प्रदेश भर में 20 लाख गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उनके स्वास्थ्य की जांच होगी। इसके आधार पर महिलाओं को चिकित्सा सुविधा भी मुहैया कराई जायेगी।

प्रदेश के सभी गांवों में आयोजित होने इस कार्यक्रम को अभियान के तौर पर किया जायेगा। जिस पर नजर रखने के लिए हर जिले में दो और शासन स्तर पर एक कन्ट्रोल रूम भी स्थापित किया जायेगा। कन्ट्रोल रूम के जरिए शासन भी पूरे अभियान पर नजर रखेगा। इसी प्रकार सभी जिलाधिकारियों को भी विस्तृत आदेश दिए गये हैं।
•27 से शुरू हो रहे ‘मातृत्व सप्ताह’ के लिए स्वास्थ्य विाभाग का लक्ष्य
•निगरानी के लिए हर जिले में स्थापित होंगे दो कन्ट्रोल रूम: प्रमुख सचिव
प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अरविन्द कुमार ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2015-16 को ‘मातृ एवं बाल स्वास्थ्य वर्ष’ के रूप में मनाने की घोषणा की गई है। जिसकेतहत ही 27 जनवरी से 3 फरवरी तक ‘मातृत्व सप्ताह’ का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत पहले प्रदेश के सभी गांवों में गर्भवती महिलाओं की पहचान के लिए कैम्प लगाया जायेगा। कैम्प में महिलाओं का पंजीयन करने के बाद उनके स्वास्थ्य की जांच की जायेगी, जिसमें वजन, हीमोग्लोबिन, ब्लड प्रेशर की जांच शामिल है। इसके अलावा कैम्प में टिटनेस का इंजेक्शन व ऑयरन की गोलियां भी बांटी जायेगी। इसकेबाद 4 फरवरी को छूटे हुए गांवों में कैम्प लगाया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में 5 फरवरी को ब्लाक एवं जिला स्तर के चिकित्सालयों पर ‘हाई रिस्क प्रेगनेेंसी दिवस’ का आयोजन किया जायेगा। जिसमें जटिल प्रसव वाली महिलाओं काउपचार किया जायेगा।
प्रमुख सचिव ने बताया कि सरकार के इस अतिहत्वाकांक्षी सपने को साकार करने सभी जिलाधिकारियों को भी अभियान से सभी तैयारियां करने का निर्देश दिया गया है। जिसके तहत नोडल अधिकारी नियुक्त कर सारी व्यवस्था दुरूस्त करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि इस अभियान में 20 लाख गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उनको सुरक्षित प्रसव संबंधी सुझाव व सुवधिा मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया है। प्रमुख सचिव ने बताया कि अभियान की निगरानी के लिए हर जिले में दो कन्ट्रोल रूम स्थापित किए जायेंगे। एक कन्ट्रोल रूम मुख्य विकास अधिकारी के यहां होगा और दूसरा मुख्य चिकित्साधिकारी के यहां स्थापित होगा। इसी प्रकार शासन स्तर पर भी एक कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जायेगा। जो सभी जिलों केकन्ट्रोल रूम से सम्पर्क में रखेगा। इस कंट्रोल रूम की प्रभारी राष्ट्रीय स्वस्थ्य मिशन की डॉ. मीरा जैन होंगी।

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