जागरण संवाददाता, आगरा: बेसिक शिक्षा विभाग में एक शिक्षिका के खाते से प्राइवेट कंपनी के लोन की किश्त काटने का मामला सामने आया है। शिक्षिका की लिखित शिकायत पर बीएसए ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं।
- खुशखबरी: केंद्रीय कर्मचारियों को 30 प्रतिशत का इंक्रीमेंट, जानें कितनी बढ़ेगी आपकी सैलरी
- सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी: दशहारे से पहले एक साथ मिलेगा पूरा एरियर..
- बेसिक शिक्षा विभाग के संपूर्ण वेतन हेड सीज , विभाग में हड़कंप
- नई तैनाती वाले शिक्षकों के दस्तावेज फिर चेक होंगे : बेसिक शिक्षा सचिव ने दिए आदेश
बेसिक शिक्षा विभाग के शमसाबाद ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय धमैना में कार्यरत शिक्षिका प्रीति त्रिपाठी के वेतन से मई के वेतन से 16 हजार रुपये की कटौती हो गई। जब उन्होंने इसकी जानकारी की तो पता चला कि यह रिकवरी प्राइवेट लोन कंपनी की किश्त के लिए काटे गए हैं। इस पर प्रीति ने कहा कि इसके लिए उनसे कोई स्वीकृति नहीं ली गई। इस पर उन्होंने अलीगढ़ की प्राइवेट लोन कंपनी से बात करने को कहा। शिक्षिका ने इसकी लिखित शिकायत बेसिक शिक्षा अधिकारी से की। उन्होंने बीएसए को बताया कि कंपनी ने धोखे से उनसे कागज पर साइन करा लिए हैं। उस कागज से ही लेखा विभाग के साथ मिलीभगत कर वेतन से कटौती करवाई है। बीएसए ने इस संबंध में लेखा विभाग से जानकारी की। मामला संदिग्ध लगने पर उन्होंने शिक्षिका के वेतन से प्राइवेट लोन की कटौती रोकने के निर्देश दिए हैं। बीएसए धमेंद्र सक्सेना ने बताया कि प्राइवेट लोन की किश्त काटने के मामले में जानकारी की जा रही है।
आगरा में भी चल रहा लोन का खेल
आगरा में भी शिक्षकों को लोन दिलाने का खेल चल रहा है। इस काम में एक शिक्षक महासंघ के पदाधिकारी भी संलिप्त हैं। पिछले दिनों वो बीएसए से शिक्षकों को लोन देने वाली सोसायटी को एप्रूवल दिलाने के लिए सिफारिश कर रहे थे। सूत्रों की मानें तो शिक्षिकों को लोन दिलाने के पीछे कमीशन का खेल है। इसमें लेखा विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत है।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines