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16460 शिक्षक भर्ती बिना नियमावली के, सरकार ने किया जारी किया भर्ती के लिए GO

16460 शिक्षक भर्ती बिना नियमावली के, सरकार ने किया जारी किया भर्ती के लिए GO, जबकि कोर्ट उस 15वें संसोधन को रद्द कर चुका है जिस पर हो रही यह भर्ती. अध्यापक सेवा नियमावली 1981 का संसोधन हुआ रद्द.

बेसिक शिक्षा की अध्यापक सेवा नियमावली 1981 का संशोधन इसी माह हाईकोर्ट ने रद कर दिया है। ऐसे में नई भर्तियां टीईटी मेरिट या फिर एकेडमिक मेरिट में से किसी के तहत होना संभव नहीं है। अब किस नियमावली के तहत होंगी यह स्पष्ट नहीं है। 1बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए उत्तर प्रदेश में
शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी 2011 में कराई गई। सूबे की बसपा सरकार ने उस समय 72825 शिक्षकों की भर्ती करने के लिए अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में संशोधन किया, ताकि नियुक्तियां टीईटी मेरिट के अनुसार हो जाएं। यह भर्तियां नहीं हो सकीं। 2012 में समाजवादी पार्टी सत्ता में आ गई। सपा ने अध्यापक सेवा नियमावली में एकेडमिक मेरिट के आधार पर नियुक्तियां करने के लिए संशोधन कर दिया।
हालांकि हाईकोर्ट ने टीईटी मेरिट के आधार पर भर्तियां करने का आदेश दिया। इस आदेश के विरुद्ध प्रदेश सरकार ने शीर्ष कोर्ट में याचिका दायर की है और उसकी सुनवाई चल रही है। सरकार के इस कदम के विरोध में टीईटी मेरिट समर्थकों ने भी याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने इसकी सुनवाई करते हुए बीते एक माह के अंदर सहायक अध्यापक सेवा नियमावली 1981 का पहले 15वां संशोधन और फिर 16वां संशोधन रद कर दिया। न्यायालय ने यह भी कहा कि इसका अंतिम निर्णय शीर्ष कोर्ट करेगा। इस आदेश से एकेडमिक मेरिट के आधार पर पिछले वर्षो में हुई 99 हजार से अधिक भर्तियों पर तलवार लटकी है। 1यह संकट सुलझाने के लिए शिक्षा विभाग के अफसर रास्ता तलाश रहे हैं। इसी बीच 16460 शिक्षकों की नई भर्तियों ने अफसरों की और परेशानी बढ़ा दी है, क्योंकि नई भर्तियां किस नियम के तहत कराई जाएं यह किसी को सूझ नहीं रहा है। वहीं गुरुवार को जारी शासनादेश में एक हफ्ते में भर्ती का कार्यक्रम जारी करने के निर्देश हुए हैं। ऐसे में बेसिक शिक्षा अफसर अब किस रास्ते आगे बढ़ेंगे अभी तय नहीं है।

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