7th Pay Commission: अभी नहीं मिलेगा 7वें वेतनमान का लाभ, जनवरी से मिलना था लाभ, लेकिन हाल-फिलहाल लाभ मिलने के आसार नहीं

नगर निगम के 5500 रेग्युलर कर्मचारियों को इस महीने से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत नया वेतनमान नहीं मिल सकेगा। वजह नगर निगम में आर्थिक तंगी बताई जा रही है। 150 करोड़ रुपये के घाटे में चल रहे निगम के पास अतिरिक्त 4 करोड़ रुपये का जुगाड़ नहीं है।
वहीं, मामले में नगर निगम कर्मचारी संघ ने सरकार और नगर निगम प्रशासन को जानबूझकर कर्मचारियों के मामलों को लटकाने का आरोप लगाते हुए अल्टीमेटम दिया है। संघ ने फरवरी के वेतन से सातवां वेतनमान देने की मांग रखते हुए नगर आयुक्त को चिट्ठी भी लिखी है।


4 करोड़ रुपये की हर महीने जरूरत

5500 कर्मचारियों के वेतन पर करीब साढ़े 15 करोड़ रुपये का खर्च आता है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से करीब 25 फीसदी अतिरिक्त रकम नगर निगम को जुटानी होगी। यह करीब 4 करोड़ रुपये बैठती है। नगर निगम के पास इस चार करोड़ रुपये को जुटाने का कोई जरिया नहीं सूझ रहा है। ऐसे में कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का फायदा देना अभी मुश्किल है। सिफारिशों के तहत यह लाभ 1 जनवरी 2016 से कर्मचारियों को मिलना है। ऐसे में जनवरी तक के लिए 52 करोड़ रुपये अतिरिक्त चाहिए होंगे। इसके लिए भी नगर निगम के पास कोई तरीका फिलहाल नहीं है। ऐसे में कर्मचारी नाराज चल रहे हैं।

हर महीने हो रही पौने नौ करोड़ रुपये की कटौती

शासन नगर निगम को दी जाने वाली मदद से करीब पौने नौ करोड़ रुपये की कटौती कर रहा है। पहले नगर निगम को 25 करोड़ रुपये महीने की मदद दी जा रही थी। कटौती के बाद केवल 16.24 करोड़ रुपये ही दिए जा रहे हैं। ऐसे में एक साल में करीब 105 करोड़ रुपये की मदद की कटौती कर दी गई। इस कटौती ने भी कर्मचारियों को नाराज किया है। कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आनंद वर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर रही है। इससे कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को नया वेतन फरवरी के वेतन से नहीं मिला तो चुनाव के बाद कर्मचारी आंदोलन कर सकते हैं।
अभी नहीं मिलेगा 7वें वेतनमान का लाभ•जनवरी से मिलना था लाभ, लेकिन हाल-फिलहाल लाभ मिलने के आसार नहीं

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