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बदनामी के बाद शिक्षकों से हटा वेतन बाबू का काम, ब्लॉकों पर बिल बाबू का काम रहे थे शिक्षक, एरियर लगाने के बदले रिश्वत लेते हुए विजिलेंस ने पकड़ा

आगरा: बेसिक शिक्षा विभाग में अधिकांश ब्लॉक पर बिल बाबू का काम शिक्षक कर रहे हैं। पिछले दिनों ऐसे कुछ शिक्षकों को एरियर लगाने के बदले रिश्वत लेते हुए विजिलेंस ने पकड़ा है। शिक्षकों के काम के चलते विभाग की बदनामी होने से बीएसए ने बिल के काम में लगे सभी शिक्षकों को हटा दिया है।
फतेहाबाद ब्लॉक पर कुछ दिन पहले विजिलेंस ने बिल बाबू का काम देख रहे शिक्षक भूपसिंह को रिश्वत लेते पकड़ा था। इसके बाद शिक्षा विभाग के लिपिकों ने शिक्षकों से लिपिकीय कार्य कराने का विरोध किया था। उनका कहना था कि शिक्षक गलत काम करते हैं और बदनामी बाबुओं की होती है। ऐसे में शिक्षकों से लिपिकीय कार्य हटाने की मांग की गई। बीएसए दिनेश यादव ने ब्लॉक पर तैनात सभी शिक्षकों से वेतन बिल का कार्य वापस ले लिया है। उन्होंने अपने कार्यालय से वेतन बिल के लिए ब्लॉक पर बाबुओं की तैनाती कर दी है। शमसाबाद-फतेहाबाद में हरिओम पाल, बिचपुरी-अकोला में अनिल कुमार, बाह-पिनाहट में अशोक कुमार, जैतपुर-खेरागढ़ में योगेंद्र सिंह को वेतन का कार्य सौंपा गया है।
बीईओ ने लगा रखे थे शिक्षक: ज्यादातर ब्लॉक में खंड शिक्षाधिकारियों ने अपने चहेते शिक्षकों को वेतन बिल का काम सौंप रखा है। लंबे समय से शिक्षक ही वेतन लगाने का काम करते हैं, ऐसे में उन पर आरोप भी लगते रहते हैं।

लेखा कार्यालय में भी कर रहे काम: वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय में कई शिक्षक लिपिकीय कार्य कर रहे हैं। हालांकि पूर्व बीएसए धर्मेद्र सक्सेना ने शिक्षकों की कमी के चलते लेखा कार्यालय से शिक्षकों को हटाने के निर्देश दिए थे।

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