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9000 शिक्षकों का वेतन रुका, धन का टोटा, जब आएगी ग्रांट तब कहीं बंट पाएगा वेतन

सुलतानपुर : जिले के नौ हजार बेसिक शिक्षकों के वेतन के लिए रुपये कम पड़ गए हैं। दो माह बीतने को हैं तनख्वाह नहीं बंट पाई है। महकमे के अफसरों ने शासन को चिट्टी लिखी है।
जब आएंगे साठ करोड़ रुपये तब कहीं बंट पाएगा वेतन। उधर, इस हालात से शिक्षकों में बेचैनी है, तो वहीं जवाबदेह स्थानीय अफसर बेबसी जाहिर कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा महकमे से संचालित जिले के परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों की तादाद करीब दो हजार के आसपास है। जिनमें लगभग नौ हजार शिक्षक तैनात हैं। जिन्हें दो माह से महज इसलिए तनख्वाह नहीं मिल पा रही है कि महकमे के पास इसके लिए बजट ही नहीं आया है। विभाग के लेखा दफ्तर में सत्रावसान करीब होने के चलते लेखाजोखा पूरा करने का भी काम जोरों से चल रहा है। वहीं वेतन वितरण में हुए विलंब से जिम्मेदार अफसर, कर्मचारी और तनख्वाह का इंतजार कर रहे शिक्षकों में बेचैनी है। महकमे के कागजी आंकड़ों के मुताबिक नौ हजार शिक्षकों के लिए वेतन का जुगाड़ तभी हो पाएगा, जब समुचित धनराशि शासन उपलब्ध कराएगा। फिलहाल तमाम स्त्रोंतो के जरिए अभी तक सिर्फ 25 करोड़ रुपये ही मुहैया हो सके हैं। जबकि दरकार है करीब साठ करोड़ रुपये की। जनवरी का एक भी टका वेतन के रूप में शिक्षकों को नहीं मिल पाया है। फरवरी भी लगभग आधी बीतने की ओर है। वित्त एवं लेखाधिकारी शैलेंद्र प्रताप ¨सह बताते हैं कि विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है। इसके लिए बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद के वित्त नियंत्रक को 60 करोड़ रुपये वेतन के लिए बजट मुहैया कराने को पत्र प्रेषित किया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि परिषद शीघ्र ही बजट मुहैया कराएगा। जिससे काम आगे बढ़ सके।
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