सहायक अध्यापक की नौकरी ले लिए खेत बेंचकर बनवाए थे हाईस्कूल के प्रमाण पत्र

फतेहपुर : बेसिक शिक्षा में सहायक अध्यापक की नौकरी के लिए बनवाए गए प्रमाण पत्रों के एवज में आरोपियों ने खेत बेचकर धन अदा किया था। उन्हें इस बात का आभास नहीं था कि रुपयों की अदायगी के बाद फर्जी
प्रमाण पत्र थमा दिए जाएंगे।
फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद आरोपी रैकेट के सदस्य से मिले तो उसने झांसे में लेकर धन उगाही की और फर्जी सत्यापित प्रतिलिपि थमा दी। दो आरोपी यह प्रतिलिपि लेकर बीएसए के सामने पेश हुए तो मामला गर्मा गया और बर्खास्तगी जैसी बड़ी कार्रवाई हो गई। पुलिस की जांच में फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों को बनवाने के रैकेट का पर्दाफाश हो सकता है।
बुधवार की सुबह दो फर्जी अध्यापक  खुद को सच साबित करने के लिए एक सत्यापित प्रमाण पत्र की कॉपी लेकर बीएसए के पास पहुंचे। कागज हाथ में आते ही बीएसए का माथा ठनका। कागजों को पैनी निगाहों से देखा तो समझने में तनिक भी देर नहीं लगी। प्रदीप कुमार और विनय कुमार से कड़ाई से पूछताछ की तो आरोपियों ने सब कुछ सच- सच उगल दिया। रुपयों के बल पर हाईस्कूल के शैक्षिक प्रमाण पत्र तैयार करने की पुष्टि हो गई। बीएसए ने बताया कि मामले में उजागर हुआ है कि शैक्षिक प्रमाण पत्र तैयार करने वालों का रैकेट है। इस रैकेट से मिलकर आरोपी शिक्षकों ने शैक्षिक प्रमाण पत्र तैयार करवाए थे। प्रथम दृष्टया जो जानकारी मिली है से पुलिस को जांच के लिए सौंपी जाएगी। चर्चा यह रही कि पांच लाख रुपया देकर फर्जी प्रमाण पत्र बनवाए है।

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