UPPSC में भ्रष्टाचार के खिलाफ आज सड़क पर उतरेंगे अभ्यर्थी, अभ्यर्थी कैंडल मार्च निकालकर उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग में व्याप्त भ्रष्टाचार की सीबीआइ जांच की उठाएंगे मांग

इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने को अभ्यर्थी लामबंद हो गए हैं। शनिवार को वे एकजुट होकर सड़क पर उतरेंगे और आयोग तक कैंडल मार्च करके सीबीआइ जांच की मांग तेज करेंगे।
अभ्यर्थियों का उत्साह इन दिनों सातवें आसमान पर हैं, क्योंकि सीसैट प्रभावितों को अतिरिक्त अवसर मिला है और आयोग में साक्षात्कार व परीक्षा परिणाम जारी करने पर रोक है। अभ्यर्थी इसे अपने पक्ष में मान रहे हैं। 1यूपी पीएससी समेत इलाहाबाद के अन्य भर्ती संस्थानों की जांच कराने के लिए पिछले कई दिनों से डेलीगेसी, छात्रवास, कोचिंग संस्थानों में संपर्क हो रहा था। अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग में सरकारी हस्तक्षेप, पेपर आउट, इंटरव्यू में धन बल के साथ ही क्षेत्र व जाति विशेष को महत्व दिया गया है। आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनिल यादव के कार्यकाल में यह भ्रष्टाचार सारी हदें पार कर गया। पीसीएस 2015 प्री का पेपर तक आउट हुआ। इस पर कार्रवाई न करके सिर्फ लीपापोती हुई। सुहासिनी बाजपेई की मेंस परीक्षा में कॉपी बदल दी गई तो कृषि सहायकों के रिजल्ट में हेरफेर हुई। इतना ही नहीं, यूडीए व एलडीए की प्री परीक्षा का भी पेपर आउट हुआ। इससे अभ्यर्थियों का मनोबल गिरता रहा है अब सरकार बदल चुकी है और अभ्यर्थियों को विश्वास है कि नई सरकार सीबीआइ जांच करा देगी इसकी मांग के लिए 15 अप्रैल को शाम साढ़े छह बजे लक्ष्मी टाकीज चौराहे से आयोग तक शांतिपूर्वक कैंडल मार्च निकाला जाएगा। प्रतियोगी अशोक पांडेय ने बताया कि इसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। 1आरोपी लिपिक निलंबित : यूपी बोर्ड के क्लर्क सर्वेश मिश्र पर हमला कराने के आरोपी बोर्ड के ही कर्मचारी हृदय नारायण शुक्ला को निलंबित कर दिया गया है। सचिव शैल यादव ने निदेशक को मारपीट की सूचना देते हुए कार्रवाई के लिए मार्गदर्शन मांगा था। आपसी विवाद के बाद सर्वेश मिश्र व हृदय नारायण शुक्ल में मारपीट हुई थी। सचिव ने अनुमोदन के बाद हृदय नारायण को निलंबित कर दिया है।

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