शिक्षा मित्र ,72825,अकेडमिक भर्ती सहित सभी मामले सुरक्षित हो चुके हैं सभी सुरक्षित निर्णय के आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।कुछ सवाल जो बहुत से मित्रो ने पर्सलनी पूछे हैं उनको आंशिक तौर पर लिखने की कोशिश कर रहा हूँ-
(इसका क्या अर्थ है कि कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है?) *जब कोर्ट फैसले को सुरक्षित रखता है, इसका मतलब है कि मामला थोड़ी देर के लिए रोक दिया गया है। यह तब किया जाता है जब सभी पार्टीज ने अपने तर्कों को पूरा कर लिया है आर्गुमेंट पूरा कर चुके हैं और सभी लिखित सबमिशन अदालत में दायर किए गए हैं*। 2-Why do judges reserve a judgment? (अर्थार्त क्यों जजो ने निर्णय को रिजर्व्ड रखा है?) *न्यायाधीश निर्णय सुरक्षित रखते हैं ताकि वे एक निष्पक्ष निर्णय लिख सकें कि निर्णय कुछ पंक्तियों का एक पेज का नहीं होता है, इस फैसले में दोनों पार्टियों के तर्कों, सर्विस मुद्दों के कानून, समान मुद्दे पर पिछले निर्णय, निष्कर्ष और उस निष्कर्ष पर पहुंचने के कारण शामिल हैं। न्यायाधीशों को कोर्ट के पुराने जजमेंट को याद करने उनको जजमेंट में शामिल करने के लिए समय की आवश्यकता होती है, प्रत्येक पार्टी के आर्गुमेंट, पिछले नियमों और अन्य प्रदेशो या देश के समान मुद्दों पर निर्णय पढ़ कर अनुसंधान करते हैं और अंत में एक विशेष निष्कर्ष पर पहुंचने के कारणों के बारे में सोचते हैं,ओर जजमेंट लिखते हैं और निष्कर्ष पर पहुँचते हैं यह पूरा excersise बहुत श्रमसाध्य और समय लेने वाली है* 3-What is the normal timeframe in which a judgment should ideally be delivered?(अर्थार्त जजमेंट जारी करने की समय सीमा क्या है?जिसमे जजमेंट दिया जा सकता है?) *जजों को निर्णय लिखने के लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं है, लेकिन फैसले पारित करने के लिए छह महीने उचित समय माना जाता है। यदि कोई न्यायाधीश छह महीने से अधिक के लिए सुरक्षित निर्णय रखता है, तो कोई भी पार्टी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से जजमेंट जारी करने के लिए मेंशन सकती है।* 4- What happens to a reserved judgment if the judge retires?(यदि जज रिटायर होने पर रिजर्वर्ड फैसले का क्या होता है?) *अगर ऐसा कुछ भी होता है, तो नई पीठ मामले को फिर से सुनेगी। एक रिटायर्ड जज फैसले पर हस्ताक्षर नहीं कर सकता* 5- Is it necessary for a judge to reserve judgment in every case?(क्या जजो के लिए प्रत्येक निर्णय को सुरक्षित करना जरूरी है?) *तो ऐसा नही है कोर्ट हर मामले को सुरक्षित नही करती है आम तौर पर अदालत अत्यधिक सार्वजनिक महत्व के मामलों में निर्णय सुरक्षित रखती है, जिन मामलों का भारत की राजनीति से जुड़ा हो ओर लार्ज न0 ओर पर्सन इफेक्टेड हो रहे हैं,मामले में कुछ नए कानून फंस रहे हैं ऐसे मामले में कोर्ट समस्त पहलुओं,ओर समस्त कानूनों का स्टडी करने और जजमेंटस में शामिल करने के लिए ऑर्डर रिजर्व्ड किये जाते हैं*
हालांकि हाल ही में 8 और 9 मई 2017 को, कोर्ट के अंतिम कार्यकाल में समर वैकेसन से पूर्व सर्वोच्च न्यायालय के 13 न्यायाधीशों ने 25 जजमेंट दिये। अधिकांश जजमेंट को तुरंत सुरक्षित होने के उचित अवधि के भीतर डिलीवर किया गया था। अर्थार्त कहा जाए सुरक्षित निर्णय एक कानूनी शब्द है। किसी मुकदमे की सुनवाई या तर्कों के बाद, एक न्यायाधीश तुरंत निर्णय नहीं दे सकता है, बल्कि इसके बजाय, सबूतों और कानून की समीक्षा करने और बाद में लिखित निर्णय देने का समय लेता है। *जजमेंट क्या होगा इसके बारे में सिर्फ सम्भावनये लगाई जा सकती हैं।एक बात ध्यान देने बाली है किसी भी *जजमेंट पर स्टे 4 कारणों से कोर्ट देती है* (1) कानून के अनुसार फैसले देने के लिए; (2)जजमेंट के ऑपरेटिव पार्ट में संशोधन करने या अतिरिक्त निष्कर्षों के लिए; (3)पूरे केस का दोवारा परीक्षण करने के लिए या जजमेंट में संशोधन करने के लिए। (4) निर्णय या आदेश से राहत देने के लिए। , * कई प्रश्नों के उत्तर मिल गए होंगे,शांति के साथ गर्मियो की छुट्टियो का आनंद लें जो भी जजमेंट होगा अच्छा होगा* @Madhav
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(इसका क्या अर्थ है कि कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है?) *जब कोर्ट फैसले को सुरक्षित रखता है, इसका मतलब है कि मामला थोड़ी देर के लिए रोक दिया गया है। यह तब किया जाता है जब सभी पार्टीज ने अपने तर्कों को पूरा कर लिया है आर्गुमेंट पूरा कर चुके हैं और सभी लिखित सबमिशन अदालत में दायर किए गए हैं*। 2-Why do judges reserve a judgment? (अर्थार्त क्यों जजो ने निर्णय को रिजर्व्ड रखा है?) *न्यायाधीश निर्णय सुरक्षित रखते हैं ताकि वे एक निष्पक्ष निर्णय लिख सकें कि निर्णय कुछ पंक्तियों का एक पेज का नहीं होता है, इस फैसले में दोनों पार्टियों के तर्कों, सर्विस मुद्दों के कानून, समान मुद्दे पर पिछले निर्णय, निष्कर्ष और उस निष्कर्ष पर पहुंचने के कारण शामिल हैं। न्यायाधीशों को कोर्ट के पुराने जजमेंट को याद करने उनको जजमेंट में शामिल करने के लिए समय की आवश्यकता होती है, प्रत्येक पार्टी के आर्गुमेंट, पिछले नियमों और अन्य प्रदेशो या देश के समान मुद्दों पर निर्णय पढ़ कर अनुसंधान करते हैं और अंत में एक विशेष निष्कर्ष पर पहुंचने के कारणों के बारे में सोचते हैं,ओर जजमेंट लिखते हैं और निष्कर्ष पर पहुँचते हैं यह पूरा excersise बहुत श्रमसाध्य और समय लेने वाली है* 3-What is the normal timeframe in which a judgment should ideally be delivered?(अर्थार्त जजमेंट जारी करने की समय सीमा क्या है?जिसमे जजमेंट दिया जा सकता है?) *जजों को निर्णय लिखने के लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं है, लेकिन फैसले पारित करने के लिए छह महीने उचित समय माना जाता है। यदि कोई न्यायाधीश छह महीने से अधिक के लिए सुरक्षित निर्णय रखता है, तो कोई भी पार्टी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से जजमेंट जारी करने के लिए मेंशन सकती है।* 4- What happens to a reserved judgment if the judge retires?(यदि जज रिटायर होने पर रिजर्वर्ड फैसले का क्या होता है?) *अगर ऐसा कुछ भी होता है, तो नई पीठ मामले को फिर से सुनेगी। एक रिटायर्ड जज फैसले पर हस्ताक्षर नहीं कर सकता* 5- Is it necessary for a judge to reserve judgment in every case?(क्या जजो के लिए प्रत्येक निर्णय को सुरक्षित करना जरूरी है?) *तो ऐसा नही है कोर्ट हर मामले को सुरक्षित नही करती है आम तौर पर अदालत अत्यधिक सार्वजनिक महत्व के मामलों में निर्णय सुरक्षित रखती है, जिन मामलों का भारत की राजनीति से जुड़ा हो ओर लार्ज न0 ओर पर्सन इफेक्टेड हो रहे हैं,मामले में कुछ नए कानून फंस रहे हैं ऐसे मामले में कोर्ट समस्त पहलुओं,ओर समस्त कानूनों का स्टडी करने और जजमेंटस में शामिल करने के लिए ऑर्डर रिजर्व्ड किये जाते हैं*
हालांकि हाल ही में 8 और 9 मई 2017 को, कोर्ट के अंतिम कार्यकाल में समर वैकेसन से पूर्व सर्वोच्च न्यायालय के 13 न्यायाधीशों ने 25 जजमेंट दिये। अधिकांश जजमेंट को तुरंत सुरक्षित होने के उचित अवधि के भीतर डिलीवर किया गया था। अर्थार्त कहा जाए सुरक्षित निर्णय एक कानूनी शब्द है। किसी मुकदमे की सुनवाई या तर्कों के बाद, एक न्यायाधीश तुरंत निर्णय नहीं दे सकता है, बल्कि इसके बजाय, सबूतों और कानून की समीक्षा करने और बाद में लिखित निर्णय देने का समय लेता है। *जजमेंट क्या होगा इसके बारे में सिर्फ सम्भावनये लगाई जा सकती हैं।एक बात ध्यान देने बाली है किसी भी *जजमेंट पर स्टे 4 कारणों से कोर्ट देती है* (1) कानून के अनुसार फैसले देने के लिए; (2)जजमेंट के ऑपरेटिव पार्ट में संशोधन करने या अतिरिक्त निष्कर्षों के लिए; (3)पूरे केस का दोवारा परीक्षण करने के लिए या जजमेंट में संशोधन करने के लिए। (4) निर्णय या आदेश से राहत देने के लिए। , * कई प्रश्नों के उत्तर मिल गए होंगे,शांति के साथ गर्मियो की छुट्टियो का आनंद लें जो भी जजमेंट होगा अच्छा होगा* @Madhav
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