जिलों के अंदर पहले होंगे शिक्षकों के समायोजन फिर होंगे तबादले

जिलों के अंदर भी शिक्षकों के समायोजन व तबादले में विकलांगता, गंभीर बीमारी में वरीयता दी जाएगी। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति की अध्यक्षता में तबादले किए जाएंगे।
पहली बार आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे। इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। समायोजन से पहले स्कूलवार शिक्षकों की संख्या का निर्धारण शिक्षा का अधिकार कानून के तहत किया जाएगा। इसके बाद अध्यापकों का समायोजन किया जाएगा। जिन स्कूलों में मानक से ज्यादा शिक्षक तैनात हैं वहां से उन्हें हटाकर कम अध्यापक वाले स्कूलों में तैनात किया जाएगा। आरटीई के मानकों के मुताबिक प्राइमरी में 30 छात्र पर एक और जूनियर कक्षा में 35 पर एक शिक्षक तैनात किया जाता है। समायोजन में सबसे कनिष्ठ शिक्षक को हटाकर यथासंभव उसी ब्लॉक के दूसरे स्कूल में तैनाती दी जाएगी। जिस स्कूल से सरप्लस शिक्षक हटाए जाएंगे वहां अन्य शिक्षकों को तैनाती नहीं दी जाएगी। समायोजन की प्रक्रिया 15 जुलाई तक पूरी की जाएगी। इसके बाद बची हुई रिक्तियों को जोनवार व स्कूलवार जिले की एनआईसी वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा। इसके बाद जिले के अंदर तबादले की कार्रवाई शुरू की जाएगी। इसके लिए जिले को 3 जोन में बांटा गया है। जिला मुख्यालय के 8
किलोमीटर के अंदर के स्कूल जोन एक में, तहसील मुख्यालय से दो किमी तक जोन दो और अन्य को जोन तीन में रखा गया है। तबादले के लिए 30 जून तक आवेदन लिए जाएंगे। हर शिक्षक को 5 स्कूलों का विकल्प देना होगा। साथ ही यह विकल्प भी होगा कि यदि इन पांच स्कूलों में उसे तैनाती नहीं मिली तो वह उस जोन के किसी भी स्कूल में जाना चाहेगा या नहीं। गुणवत्ता अंक का निर्धारण अंतरजनपदीय तबादले की तरह ही किया जाएगा। किसी भी दशा में शिक्षक छात्र अनुपात 1:20 से कम या 1:40 से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
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