प्रदेश मंत्री ने शिक्षा निदेशक पर लगाए आरोप, अध्यक्ष ने कहा यह उनकी निजी राय लखनऊ। सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों का प्रदेश का सबसे बड़ा शिक्षक संगठन माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) मंगलवार को दो फाड़ नजर आया।
शिक्षा विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर जारी संगठन प्रदेश मंत्री डॉ.आरपी मिश्र के एक बयान के बाद यह स्थिति सामने आई। डॉ. मिश्र ने प्रदेश में सोमवार को राष्ट्रपति/ राज्यपाल पुरस्कार के लिए चयन में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। उनकी इस बयान के आने के बाद मंगलवार को संघ के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने इससे किनारा कर लिया। उनका कहना है कि यह डॉ. मिश्र का व्यक्तिगत राय है। हालांकि, उनके इस बयान के बाद संघ में अंदरखाने चल रही खींचातानी खुलकर सामने आ गई है। शर्मा गुट के टूटने को लेकर चल रही अफवाहों को हवा दे दी है। इस प्रकरण पर है विवाद डॉ.आरपी मिश्र की गिनती शर्मा गुट के सबसे कद्दावर नेताओं में की जाती है। सोमवार को एक प्रेसवार्ता में डॉ. मिश्र ने हाल में शिक्षकों को दिए जाने पर राष्ट्रपति / राज्य पुरस्कार के लिए चयन की प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। कहा कि पिछले वर्ष पैसे लेकर शिक्षकों को पुरस्कार बांटे गए। इस संबंध में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी भी मांगी गई लेकिन कोई देने को तैयार नहीं है। उन्होंने सीधे-सीधे शिक्षा निदेशक
के इस खेल में शामिल होने की बात कही। (बॉक्स) मनमानी के कारण विवादों में रहे हैं पुरस्कार शिक्षकों को दिए जाने वाले पुरस्कार हमेशा विवादों में रहे हैं। पिछले वर्ष पुरस्कार के लिए चयन के अन्तिम चरण में अचानक साक्षात्कार के अंक बढ़ा दिए गए थे। आरोप है कि अपने चहेतों को पुरस्कार दिलाने के लिए यह खेल किया गया। डॉ. मिश्र का कहना है कि देश के अन्य राज्यों में पुरस्कार के लिए होने वाले चयन में साक्षात्कार की व्यवस्थआ नहीं है। पिछली सरकार ने वर्ष 2012 में इसकी शुरुआत की। इसकी आड़ में यह सारा खेल किया जा रहा है।
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शिक्षा विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर जारी संगठन प्रदेश मंत्री डॉ.आरपी मिश्र के एक बयान के बाद यह स्थिति सामने आई। डॉ. मिश्र ने प्रदेश में सोमवार को राष्ट्रपति/ राज्यपाल पुरस्कार के लिए चयन में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। उनकी इस बयान के आने के बाद मंगलवार को संघ के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने इससे किनारा कर लिया। उनका कहना है कि यह डॉ. मिश्र का व्यक्तिगत राय है। हालांकि, उनके इस बयान के बाद संघ में अंदरखाने चल रही खींचातानी खुलकर सामने आ गई है। शर्मा गुट के टूटने को लेकर चल रही अफवाहों को हवा दे दी है। इस प्रकरण पर है विवाद डॉ.आरपी मिश्र की गिनती शर्मा गुट के सबसे कद्दावर नेताओं में की जाती है। सोमवार को एक प्रेसवार्ता में डॉ. मिश्र ने हाल में शिक्षकों को दिए जाने पर राष्ट्रपति / राज्य पुरस्कार के लिए चयन की प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। कहा कि पिछले वर्ष पैसे लेकर शिक्षकों को पुरस्कार बांटे गए। इस संबंध में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी भी मांगी गई लेकिन कोई देने को तैयार नहीं है। उन्होंने सीधे-सीधे शिक्षा निदेशक
के इस खेल में शामिल होने की बात कही। (बॉक्स) मनमानी के कारण विवादों में रहे हैं पुरस्कार शिक्षकों को दिए जाने वाले पुरस्कार हमेशा विवादों में रहे हैं। पिछले वर्ष पुरस्कार के लिए चयन के अन्तिम चरण में अचानक साक्षात्कार के अंक बढ़ा दिए गए थे। आरोप है कि अपने चहेतों को पुरस्कार दिलाने के लिए यह खेल किया गया। डॉ. मिश्र का कहना है कि देश के अन्य राज्यों में पुरस्कार के लिए होने वाले चयन में साक्षात्कार की व्यवस्थआ नहीं है। पिछली सरकार ने वर्ष 2012 में इसकी शुरुआत की। इसकी आड़ में यह सारा खेल किया जा रहा है।
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