9 नवम्बर को उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली 1981 में संशोधन किया गया. इस 20वें संशोधन में विज्ञान व गणित विषय के सहायक अध्यापकों की सीधी भर्ती के प्रावधान को खत्म कर दिया गया है.
इसके पहले विज्ञान व गणित विषय के शिक्षकों के कुल पदों में से 50 प्रतिशत सीधी भर्ती और 50 प्रतिशत प्रमोशन से भरे जाते थे, किन्तु अब सभी पदों को प्रमोशन से भरे जाने की व्यवस्था की गई है. अन्य सभी विषयों के पद पूर्व की तरह पदोन्नति से ही भरे जाएंगे.
प्राथमिक स्कूल में सहायक अध्यापक के रूप में न्यूनतम पांच वर्ष का अनुभव होने पर ही उच्च प्राथमिक स्कूल में सहायक अध्यापक या प्राथमिक स्कूल में प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति के लिए योग्य माने जाएंगे. इसी प्रकार उच्च प्राथमिक स्कूल में प्रधानाध्यापक के पद पर प्रमोशन के लिए उच्च प्राथमिक स्कूल में सहायक अध्यापक या प्राथमिक स्कूल में प्रधानाध्यापक के रूप में न्यूनतम तीन वर्ष का अनुभव अनिवार्य रहेगा.
हालांकि यदि प्रमोशन के लिए पात्र अभ्यर्थी पर्याप्त संख्या में उपलब्ध न हो तो बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव शिक्षकों के अनुभव की अवधि में शिथिलता देकर पात्रता बढ़ा सकते हैं.
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इसके पहले विज्ञान व गणित विषय के शिक्षकों के कुल पदों में से 50 प्रतिशत सीधी भर्ती और 50 प्रतिशत प्रमोशन से भरे जाते थे, किन्तु अब सभी पदों को प्रमोशन से भरे जाने की व्यवस्था की गई है. अन्य सभी विषयों के पद पूर्व की तरह पदोन्नति से ही भरे जाएंगे.
प्राथमिक स्कूल में सहायक अध्यापक के रूप में न्यूनतम पांच वर्ष का अनुभव होने पर ही उच्च प्राथमिक स्कूल में सहायक अध्यापक या प्राथमिक स्कूल में प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति के लिए योग्य माने जाएंगे. इसी प्रकार उच्च प्राथमिक स्कूल में प्रधानाध्यापक के पद पर प्रमोशन के लिए उच्च प्राथमिक स्कूल में सहायक अध्यापक या प्राथमिक स्कूल में प्रधानाध्यापक के रूप में न्यूनतम तीन वर्ष का अनुभव अनिवार्य रहेगा.
हालांकि यदि प्रमोशन के लिए पात्र अभ्यर्थी पर्याप्त संख्या में उपलब्ध न हो तो बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव शिक्षकों के अनुभव की अवधि में शिथिलता देकर पात्रता बढ़ा सकते हैं.
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