झांसी। बात उन दिनों की है जब पिता झांसी के एक
विद्यालय में प्राइमरी टीचर हुआ करते थे। संसाधनों की कमी थी पर इरादे
बुलंद थे। बात हो रही है झांसी के ओपी रावत की, जो अब देश के मुख्य
निर्वाचन आयुक्त बनने जा रहे हैं।
साफ छवि के ओमप्रकाश रावत को
केंद्र सरकार ने मुख्य चुनाव आयुक्त बनाने का निर्णय उनकी लगन और ईमानदारी
को देखते हुए लिया है। सिविल सेवा में ताउम्र साफ छवि रखने वाले ओपी रावत
के मुख्य निर्वाचन आयुक्त बनने की खबर जैसे ही यहां परिवारीजन को लगी,
परिवार में जश्न का माहौल बन गया।
झांसी के मोहल्ला हजरयाना में
जन्मे ओमप्रकाश रावत को बचपन से ही पढ़ाई में रुचि थी। पिता पं. रामस्वरूप
रावत प्राइमरी विद्यालय में अध्यापक थे। ओपी रावत ने बिपिन बिहारी इंटर
कॉलेज से इंटरमीडिएट करने के बाद बिपिन बिहारी महाविद्यालय से बीएससी की
पढ़ाई की।
इसके बाद वे बीएचयू से एमएससी की पढ़ाई करने चले गए। इसके
अलावा उन्होंने यूनाइटेड किंगडम से सोशल डिवेलपमेंट प्लानिंग (एसडीपी) में
एमएससी की। पढ़ाई पूरी करने के बाद वह 1976 में इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में
पदस्थ रहे।
इसके बाद वह 1977 बैच के मप्र कैडर के आइएएस ऑफिसर बने।
वह 31 दिसंबर, 2013 को केंद्र सरकार में सचिव पद से रिटायर हुए। इनकी
ईमानदार व स्वच्छ छवि को देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने
उन्हें सिविल सर्विस दिवस पर सर्वश्रेष्ठ लोकसेवा पुरस्कार से सम्मानित
किया।
भाई की तरक्की से फक्र से सीना चौड़ा हो गया
सीपरी
बाजार में रहने वाले ओपी रावत के छोटे भाई राजेंद्र कुमार रावत रेलवे में
कार्यरत हैं। उनकी पत्नी कुसुम रावत अध्यापिका हैं। बड़े भाई के मुख्य
निर्वाचन आयुक्त बनने की खबर मिलते ही छोटे भाई का सीना फर्क से चौड़ा हो
गया और खुशी के मारे आंसू छलक पड़े।
अपने दोस्त, यारों व भतीजों के
साथ खुशियां बांटते हुए राजेंद्र रावत ने बताया कि भाई को आज इस मुकाम पर
देखकर उन दिनों की याद आ गई, जब पिता जी हम लोगों को एक साथ बैठाकर रात में
पढ़ाया करते थे। उनका कहना आज तक कानों में गूंजता है कि जिंदगी में सब कुछ
करना, मगर झूठ कभी मत बोलना।
हम लोगों के पास शुरुआती दिनों में
संसाधन कम थे लेकिन, हमने हालातों का डटकर सामना किया और आज नतीजा सभी के
सामने है। बड़े भाई ओपी रावत की दो बेटियां हैं और दोनों अमेरिका में रहती
हैं। एक बेटी डॉक्टर है, तो दूसरी मैनेजमेंट में पीएचडी कर रही है।
झांसी में ही है ससुराल
ओपी
रावत की शादी भी झांसी में ही हुई है। शहर कोतवाली की ढाल पर रहने वाले
तत्कालीन जिला जज जानकीशरण मिश्रा की बेटी मंजू मिश्रा से इनकी शादी हुई और
इसके बाद वह दिल्ली चले गए। उनका हमेशा से ही झांसी से विशेष लगाव रहा है।
अभी कुछ ही महीने पहले वह झांसी आए थे।
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