इलाहाबाद : राजकीय कालेज की शिक्षक भर्ती की गड़बड़ियां रह-रहकर सामने आ
रही हैं। शारीरिक शिक्षा अध्यापक के पद पर बीपीएड व बीपीई को मान्य किया
गया है, जबकि डीपीएड करने वालों को बाहर कर दिया
है। यही नहीं उप्र लोकसेवा
आयोग खुद प्रवक्ता शारीरिक अनुदेशक के पद पर डीपीएड को मान्य कर चुका है,
इसके बाद भी नई भर्ती में यह पाठ्यक्रम बाहर हो गया है। अभ्यर्थी सतेंद्र
प्रसाद श्रीवास्तव का कहना है कि शारीरिक शिक्षा में डिप्लोमा स्नातक करने
के बाद होता है। विभिन्न आयोगों ने इसे मान्य किया है, ऐसे में इस भर्ती से
डीपीएड को क्यों बाहर रखा गया है, यदि बीएड व समकक्ष अर्हता का जिक्र होता
तब भी आवेदन हो जाता लेकिन, इसमें किसी तरह की राहत नहीं दी गई है। प्रदेश
में ही माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, अधीनस्थ चयन आयोग तक में यह मान्य
है। वहीं, कस्तूरबा गांधी स्कूलों, केंद्रीय विद्यालय तक इसे स्वीकार कर
रहे हैं यहां नियम अलग कर दिए गए हैं।
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