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हिन्दी विषय के सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए आवश्यक योग्यता के संबंध में सचिव यूपी बोर्ड नीना श्रीवास्तव 17 मार्च को ही आयोग के सचिव को पत्र भेज चुकी हैं।
जबकि कम्प्यूटर शिक्षकों की भर्ती के लिए आवश्यक अर्हता के संबंध में शासन स्तर पर मंथन हो रहा है।
यूपी बोर्ड ने हिन्दी विषय के सहायक अध्यापकों की जो न्यूनतम शैक्षिक योग्यता तय की है, उसमें बीए हिन्दी तथा संस्कृत के साथ इंटरमीडिएट या समकक्ष परीक्षा एवं बीएड या अन्य समकक्ष डिग्री अथवा बीए हिन्दी एवं संस्कृत विषय के साथ या समकक्ष परीक्षा एवं बीएड या अन्य समकक्ष डिग्री मान्य है।
जबकि लोक सेवा आयोग ने हिन्दी विषय की शैक्षिक योग्यता में इंटर में संस्कृत को अनिवार्य कर दिया है।
संस्कृत की अनिवार्यता का ही प्रतियोगी छात्र विरोध कर रहे हैं।
शिक्षा निदेशालय के गेट पर सोमवार को बालकृष्ण चौधरी, अम्बुज त्रिपाठी, चंदन सिंह, अमित राज, प्रभात यादव आदि ने प्रदर्शन कर एलटी हिन्दी की योग्यता में संशोधन की मांग की।
अपर निदेशक माध्यमिक मंजू शर्मा और सचिव यूपी बोर्ड नीना श्रीवास्तव को ज्ञापन भी सौंपा।
दूसरी ओर कम्प्यूटर शिक्षकों की अर्हता के संबंध में भी यूपी बोर्ड की ओर से माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. अवध नरेश शर्मा को सोमवार को पत्र भेजा गया है।
यूपी बोर्ड ने कम्प्यूटर विषय के सहायक अध्यापकों की जो योग्यता निर्धारित की है उसमें बीएससी कम्प्यूटर विज्ञान के साथ या बीएससी कम्प्यूटर एप्लीकेशन के साथ या बैचलर इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन के साथ डीओएई से ए लेवल कोर्स के साथ स्नातक या पीजी डिप्लोमा (कम्प्यूटर विज्ञान के साथ) किसी भी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान से होना अनिवार्य है।
यूपी बोर्ड की अधिसूचना के मुताबिक, बीएड के साथ इन पाठ्यक्रमों में से किसी भी योग्यता वालों को प्राथमिकता दी जाएगी।
जबकि लोक सेवा आयोग ने जो अर्हता तय की है उसमें कम्प्यूटर विज्ञान में बीटेक/बीई अथवा कम्प्यूटर विज्ञान में विज्ञान स्नातक अथवा कम्प्यूटर एप्लीकेशन में विज्ञान स्नातक अथवा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रानिक्स एण्ड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (एनआईईएलआईटी) से ‘ए स्तरीय पाठ्यक्रम के साथ स्नातक के साथ और बीएड की उपाधि अनिवार्य कर दी है।
अभ्यर्थी बीएड की अनिवार्यता का विरोध कर रहे हैं।
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