गलत तरीके से चयनित पीसीएस अफसर तक की अनदेखी कर रहे हैं। उन्हें प्रदेश
सरकार के कड़े रुख का खामियाजा जल्द भुगतना पड़ सकता है। सीबीआइ ने दिल्ली
मुख्यालय से पूछताछ के लिए पीसीएस 2015 के उन संदिग्ध चयनितों को समन एक
बार फिर भेजा है जो जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
पीसीएस परीक्षा 2011
की जांच भी शुरू करते हुए चयनितों को समन भेजने की तैयारी कर ली है। 1वहीं,
उप्र लोकसेवा आयोग यानि यूपी पीएससी में भी मौजूद सीबीआइ टीम ने पीसीएस
2011 परीक्षा में गलत तरीके से चयनितों के संबंध में साक्ष्य जुटाने शुरू
कर दिए हैं। 1सीबीआइ ने करीब दो महीने पहले से ही इलाहाबाद स्थित कैंप
कार्यालय के बजाए दिल्ली मुख्यालय में पूछताछ व अन्य जांच कार्य को संचालित
कर रखा है। वहीं यूपी पीएससी से आवश्यक अभिलेख मंगाए जा रहे हैं, कई
अफसरों से पूछताछ भी की गई है। जून और जुलाई में ही सीबीआइ ने पीसीएस 2015
परीक्षा की टॉप 10 सूची में आए चयनितों व साक्षात्कार में अप्रत्याशित नंबर
पाने वालों को समन भेजा था, जिससे कि उनसे चयन में गड़बड़ी की आशंका को
स्पष्ट किया जा सके। लेकिन, सीबीआइ के उच्चाधिकारियों के अनुसार उन चयनितों
ने जांच में सहयोग नहीं किया। इससे जांच कार्य भी प्रभावित हो रहा है।
1सोमवार से यूपी पीएससी में सीबीआइ एक टीम भर्तियों की जांच करते हुए
परीक्षा भवन से कई महत्वपूर्ण अभिलेख जुटाने में लगी है तो उधर दिल्ली
मुख्यालय से संदिग्ध चयनितों को समन भेजकर उन्हें एक सप्ताह में बुलाया गया
है। जाहिर है कि गलत तरीके से चयनित पीसीएस अफसरों पर अब शिकंजा कस गया
है। सूत्र बताते हैं कि सीबीआइ ने पीसीएस 2015 परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों
की टॉप 10 सूची में से दो चयनितों व उनको भी समन भेजा है जिन्हें पहले भी
बुलाया गया था। पीसीएस 2011 परीक्षा में भी चयनित व प्रदेश में अहम पदों पर
कार्यरत अफसरों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।’
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