बीएसए ने रोया पदों की कमी का रोना
शिक्षामित्रों के समायोजन की अवधि बढ़ाने की मांग की
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : शिक्षामित्रों के दूसरे बैच के समायोजन में आ रहीं दिक्कतों को दूर करने के लिए गुरुवार को बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय में बुलायी गई बैठक में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) ने शिक्षकों के पदों की कमी का रोना रोया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों का कहना था कि जब शिक्षकों की पदोन्नति के लिए भी पद कम पड़ रहे हैं तो सहायक अध्यापकों प्रोन्नति कैसे की जाए।
दूरस्थ शिक्षा के जरिये बीटीसी प्रशिक्षण उत्तीर्ण करने वाले दूसरे बैच के तकरीबन 87000 शिक्षामित्रों का प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर समायोजन किया जाना है।
निदेशक बेसिक शिक्षा डीबी शर्मा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मेरठ, सहारनपुर, वाराणसी, मीरजापुर, लखनऊ, गोरखपुर, झांसी, मुरादाबाद और कानपुर मंडलों के 40 जिलों के बीएसए शामिल हुए। गाजीपुर, लखीमपुर खीरी, उन्नाव, वाराणसी, कानपुर नगर, मीरजापुर, हरदोई, चंदौली, कुशीनगर, सीतापुर, भदोही, कन्नौज, सोनभद्र, मेरठ, गौतम बुद्ध नगर और झांसी के बीएसए ने कहा कि शिक्षामित्रों का समायोजन करने पर जिले में प्राथमिक शिक्षकों के सृजित पद कम पड़ जाएंगे। सभी बीएसए का कहना था कि पिछले साल जब पहले बैच के 58 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन किया गया तो नगर क्षेत्र के शिक्षामित्रों को ग्रामीण क्षेत्रों में तैनाती दे दी गई। इससे नगर क्षेत्र में शिक्षकों के पद खाली हो गए जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों के पद भर गए। उनका कहना था कि दूसरे बैच के समायोजन में नगरीय इलाकों के शिक्षामित्रों को नगर और ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षामित्रों को देहात में ही तैनाती दी जाए। वहीं पहले बैच में ग्रामीण क्षेत्रों में समायोजित किए गए नगर क्षेत्र के शिक्षामित्रों को वापस नगर क्षेत्र में तैनाती दे दी जाए। इससे नगर क्षेत्र में शिक्षकों की कमी पूरी होगी और ग्रामीण क्षेत्रों में समायोजन के लिए पद मिल सकेंगे।
बेसिक शिक्षा निदेशक ने जब नये निर्देशों के तहत तीन साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षकों को पदोन्नत करने के लिए कहा तो कई बीएसए ने बताया कि पदोन्नति तो पद के सापेक्ष होती है लेकिन जब पद ही नहीं रिक्त हैं तो पदोन्नति कैसे करें। बहरहाल निदेशक ने उन्हें 30 अप्रैल तक हर हाल में शिक्षकों की पदोन्नति करने का निर्देश दिया। ज्यादातर बीएसए का कहना था कि 30 अप्रैल तक तय समयावधि में शिक्षामित्रों के दूसरे बैच का समायोजन कर पाना संभव नहीं है। उन्होंने समायोजन के लिए समयावधि को बढ़ाने की मांग की। इस पर निदेशक ने कहा कि इस बारे में शासन से विचार विमर्श कर फैसला किया जाएगा।
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शिक्षामित्रों के समायोजन की अवधि बढ़ाने की मांग की
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : शिक्षामित्रों के दूसरे बैच के समायोजन में आ रहीं दिक्कतों को दूर करने के लिए गुरुवार को बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय में बुलायी गई बैठक में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) ने शिक्षकों के पदों की कमी का रोना रोया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों का कहना था कि जब शिक्षकों की पदोन्नति के लिए भी पद कम पड़ रहे हैं तो सहायक अध्यापकों प्रोन्नति कैसे की जाए।
दूरस्थ शिक्षा के जरिये बीटीसी प्रशिक्षण उत्तीर्ण करने वाले दूसरे बैच के तकरीबन 87000 शिक्षामित्रों का प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर समायोजन किया जाना है।
निदेशक बेसिक शिक्षा डीबी शर्मा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मेरठ, सहारनपुर, वाराणसी, मीरजापुर, लखनऊ, गोरखपुर, झांसी, मुरादाबाद और कानपुर मंडलों के 40 जिलों के बीएसए शामिल हुए। गाजीपुर, लखीमपुर खीरी, उन्नाव, वाराणसी, कानपुर नगर, मीरजापुर, हरदोई, चंदौली, कुशीनगर, सीतापुर, भदोही, कन्नौज, सोनभद्र, मेरठ, गौतम बुद्ध नगर और झांसी के बीएसए ने कहा कि शिक्षामित्रों का समायोजन करने पर जिले में प्राथमिक शिक्षकों के सृजित पद कम पड़ जाएंगे। सभी बीएसए का कहना था कि पिछले साल जब पहले बैच के 58 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन किया गया तो नगर क्षेत्र के शिक्षामित्रों को ग्रामीण क्षेत्रों में तैनाती दे दी गई। इससे नगर क्षेत्र में शिक्षकों के पद खाली हो गए जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों के पद भर गए। उनका कहना था कि दूसरे बैच के समायोजन में नगरीय इलाकों के शिक्षामित्रों को नगर और ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षामित्रों को देहात में ही तैनाती दी जाए। वहीं पहले बैच में ग्रामीण क्षेत्रों में समायोजित किए गए नगर क्षेत्र के शिक्षामित्रों को वापस नगर क्षेत्र में तैनाती दे दी जाए। इससे नगर क्षेत्र में शिक्षकों की कमी पूरी होगी और ग्रामीण क्षेत्रों में समायोजन के लिए पद मिल सकेंगे।
बेसिक शिक्षा निदेशक ने जब नये निर्देशों के तहत तीन साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षकों को पदोन्नत करने के लिए कहा तो कई बीएसए ने बताया कि पदोन्नति तो पद के सापेक्ष होती है लेकिन जब पद ही नहीं रिक्त हैं तो पदोन्नति कैसे करें। बहरहाल निदेशक ने उन्हें 30 अप्रैल तक हर हाल में शिक्षकों की पदोन्नति करने का निर्देश दिया। ज्यादातर बीएसए का कहना था कि 30 अप्रैल तक तय समयावधि में शिक्षामित्रों के दूसरे बैच का समायोजन कर पाना संभव नहीं है। उन्होंने समायोजन के लिए समयावधि को बढ़ाने की मांग की। इस पर निदेशक ने कहा कि इस बारे में शासन से विचार विमर्श कर फैसला किया जाएगा।
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