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पीसीएस-2015 प्री में एक और विवाद : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार दो जवाब सही होने पर नियरेस्ट उत्तर को माना जाएगा सही
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस-2015 प्रारंभिक परीक्षा के मामले में एक और विवाद जुड़ गया है। संघ लोक सेवा आयोग के पूर्व के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि यदि किसी प्रश्न के दो विकल्प सही हैं तो उनमें से नियरेस्ट ऑफ नियरेस्ट को ही सही माना जाए।

इसके विपरीत पीसीएस-2015 प्रारंभिक परीक्षा में आयोग ने तीन प्रश्नों के दो जवाब को सही माना है। इससे कट ऑफ तथा अभ्यर्र्थियों की मार्कशीट में 5.33 अंक का अंतर जाएगा। अभ्यर्थी इस बाबत डिटेल जुटा रहे हैं। इसी भर्ती परीक्षा के मामले में सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई है। इस बिंदु को भी सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में रखा जाएगा।

हाईकोर्ट के आदेश पर आयोग ने पीसीएस-2015 प्रारंभिक परीक्षा संशोधित उत्तर जारी किया था। उसमें प्रश्न पत्र दो के दो प्रश्नों के दो विकल्पों को आयोग ने सही माना है। प्रत्येक प्रश्न दो अंक का है। ऐसे में चार अंक का अंतर हो जाएगा। वहीं प्रश्न पत्र एक के एक प्रश्न के दो जवाब को सही माना है। इसके 1.33 अंक निर्धारित हैं। कोई जवाब नहीं होने की वजह से एक प्रश्न को बाहर करके रिजल्ट घोषित किया। इस तरह से दोनों पेपर के तीन प्रश्नों के 5.33 अंक बनते हैं जिनके दो विकल्पों को आयोग ने सही मानकर रिजल्ट घोषित किया था। जबकि, सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि ऐसी परिस्थिति में नियरेस्ट से नियरेस्ट जवाब को सही माना जाए। न्यायालय के इस आदेश के बाद संघ लोक सेवा आयोग के पेपर में यह निर्देश भी दिया जाने लगा है कि यदि किसी प्रश्न के दो विकल्प सही प्रतीत होते हैं तो उनमें सर्वोत्तम को ही टिक करें। प्रतियोगियों का कहना है कि यूपीएससी की इस पहल के बावजूद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से जानबूझकर दो विकल्पों को सही मानकर रिजल्ट घोषित किया जा रहा है। पीसीएस-2015 प्रारंभिक परीक्षा का पहला पेपर आउट होने को लेकर अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट में गए हैं। अभ्यर्थियों ने परीक्षा रद्द करने और सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिका दाखिल कर रखी है। याचिका करने वालों में 30 अभ्यर्थी शामिल हैं। इनके कटऑफ से एक या दो अंक ही कम हैं। इनका कहना है कि यदि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार मूल्यांकन हो तो उनका चयन हो जाएगा। प्रतियोगियों ने कटऑफ से 5.33 अंक पीछे रह गए अन्य अभ्यर्थियों से भी डिटेल मांगा है। इसे मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान रखा जाएगा।

आयोग को झटका, एससी ने नहीं दिया समय

इलाहाबाद (ब्यूरो)। पीसीएस-2015 प्रारंभिक परीक्षा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को जवाब दाखिल करने के लिए समय देने से मना कर दिया। सोमवार को सुनवाई करते हुए न्यायालय ने आयोग को काउंटर देने का निर्देश दिया। मंगलवार को फिर सुनवाई होगी।
पीसीएस-2015 प्रारंभिक परीक्षा रद्द करने, सीबीआई जांच समेत कई बिंदुओं को लेकर अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आयोग से जवाब मांगा था, लेकिन सोमवार को सुनवाई के दौरान आयोग के वकील ने जवाब देने के लिए चार सप्ताह का और समय मांगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट का रुख सख्त रहा। याचिकाकर्ताओं के वकील का कहना था कि आयोग को अतिरिक्त समय देने की स्थिति में पीसीएस-2015 मुख्य परीक्षा पर रोक लगा दी जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को और समय देने से इंकार करते हुए तत्काल जवाब दाखिल करने को कहा है।

इस आधार पर 5.33 अंक का हो जाएगा अंतर, विवरण जुटा रहे अभ्यर्थी, जाएंगे न्यायालय

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पीसीएस-2015 प्री के मामले में तत्काल जवाब देने का आदेश, सुनवाई आज

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