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अब आज ठंडक पड़ी जाकर सीने में....पलटुआ निकाला गया

अब आज ठंडक पड़ी जाकर सीने में....पलटुआ निकाला गया और उनका कुनबा भी फुक गया जिन्होंने हमारी संवैधानिक नौकरी को अपनी लाठियों के दम पर तोड़ा था,हमको गिरा कर मारा था...

3 जून को...हमारे बदन, आत्मा सब जला था और आज साल खत्म होते होते सपा ख़त्म 30 दिसंबर है...अब जाकर लगा है मरहम उन लाठियों की चोटों पर...लगी है हाय हमारी और हम बेरोजगारों के परिवारों की...अब ये कह रहे हैं कि ये जो आज हो रहा है असंवैधानिक है...क्योंकि अब ये इस भयंकर सर्दी में फुंक रहे हैं ।।
आप दलाल कहें तंज़ मारे, पर अमर सिंह सत्ता का वो खिलाडी है जिसने आज सपा से अपनी बेइज्जती का करारा बदला लिया। समाजवाद की सत्ता धू धू कर जल रही है। जिस कुनबे ने कभी अमर को बाहर निकाला था आज अमर ने उस कुनबे की धज्जियां उड़ा दी बदला हो तो ऐसा।
।। जय महाकाल ।।
आपका साथी...
ऋतेश मिश्र, लखीमपुर ।।
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