प्रदेश की शिक्षा संवर्ग सेवा समूह ‘ख’ की डीपीसी स्थगित, सेवानिवृत्त खंड शिक्षा अधिकारियों की पदोन्नति का शासन ने लिया संज्ञान

इलाहाबाद: शिक्षा संवर्ग सेवा समूह ‘ख’ के लिए बुधवार को उप्र लोकसेवा आयोग में होने वाली डीपीसी स्थगित हो गई है। शासन ने सेवानिवृत्त खंड शिक्षा अधिकारियों की पदोन्नति का संज्ञान लिया है।
जिसे ‘दैनिक जागरण’ ने बीते 25 नवंबर को प्रमुखता से उजागर किया था। शासन ने अब 2017-18 तक रिक्त होने वाले पदों की सूचना मांगी है, ताकि अधिक संख्या में पदोन्नति हो सके। शिक्षा निदेशालय यह सूची तैयार कर रहा है।

उप्र शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) सेवा समूह ‘ख’ उच्चतर के 50 फीसद पद उप्र लोकसेवा आयोग सीधी भर्ती से और इतने ही पद संवर्ग में कार्यरत अधिकारियों की पदोन्नति से भरे जाते हैं। पदोन्नति की सेवा नियमावली 1992 में यह व्यवस्था है कि उप विद्यालय निरीक्षक व शिक्षणोत्तर शाखा में समकक्ष पदों पर उन्हीं की नियुक्ति होगी, जिन्होंने तीन वर्ष की सेवा पूरी कर ली हो। यह पद 61 प्रतिशत शिक्षण पुरुष वर्ग, 22 प्रतिशत शिक्षण महिला व 17 फीसद निरीक्षण शाखा के अधिकारियों से आयोग पदोन्नति करके भरा जाना है। महकमे में 50 फीसद पदों पर प्रमोशन के लिए 391 पद स्वीकृत हैं। पुरुष शाखा के 61 फीसद सापेक्ष कुल स्वीकृत पद 239 हैं, उनमें नौ कार्यरत और 230 पद रिक्त हैं। शासन आयोग को अवगत करा चुका है कि 230 रिक्तियों के सापेक्ष पात्र अभ्यर्थी कम होने के कारण विभागीय कार्य हित में प्रशासकीय विभाग के प्रस्ताव पर 49 कार्मिकों को उप्र सरकारी सेवक पदोन्नति के लिए अर्हकारी सेवा नियमावली, 2006 के प्रावधानों में शिथिलीकरण प्रदान किए जाने पर कार्मिक विभाग ने अनापत्ति दी गई है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने शिक्षण पुरुष वर्ग के चयन के लिए 2014 से 2017 की वर्षवार रिक्तियों के सापेक्ष पात्रता सूची और गोपनीय आख्या आयोग को भेजी थी। ऐसे ही शिक्षा निदेशालय ने अधीनस्थ राजपत्रित शिक्षण महिला शाखा की समूह ‘ख’ में पदोन्नति के लिए भी कार्यवाही उपलब्ध करा चुका है। महिला शाखा की पदोन्नति को 2014 से लेकर 2017 तक कुल 72 पद रिक्त हैं। 1समूह ‘ख’ के करीब तीन सौ पदों के लिए आयोग में छह दिसंबर को डीपीसी होनी थी। निदेशालय ने खंड शिक्षा अधिकारियों की पदोन्नति के लिए ऐसे अधिकारियों की सूची प्रेषित की जिसमें तमाम पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके थे। यही नहीं डीपीसी में पदोन्नति कोटा व वरिष्ठता सूची को लेकर भी विवाद है। यह प्रकरण उजागर होने पर शासन ने डीपीसी स्थगित करा दी है। 1अब 2017-18 तक होने वाले रिक्त पदों का ब्योरा मांगा गया है। यह डीपीसी दूसरी बार स्थगित हुई है। इसके पहले पुरुष शाखा की पदोन्नति के लिए आयोग में 15 दिसंबर, 2016 को बैठक होनी थी लेकिन, शासन ने उसे भी स्थगित कर दिया था।’>>सेवानिवृत्त खंड शिक्षा अधिकारियों की पदोन्नति का शासन ने लिया संज्ञान 1’>>अब सत्र 2017-18 तक की मांगी गई रिक्तियां, बन रही रिपोर्ट

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