अफसर, शिक्षक व कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई के निर्देश, तबादलों हेतु अभी 10 फीसद शिक्षक व कर्मियों का डाटा अपलोड न होने शासन हुआ सख्त

इलाहाबाद : शासन के आदेश व बेसिक शिक्षा परिषद मुख्यालय के निर्देशों के बाद भी अफसरों की कार्यशैली में बदलाव नहीं हुआ है। यही वजह है कि जिलों में मानव संपदा की वेबसाइट पर 10 फीसद शिक्षक व शिक्षणोतर कर्मियों का डाटा अभी अपलोड नहीं किया गया है।
इस कार्य में रोड़ा बनने वाले खंड शिक्षा अधिकारियों, शिक्षक व शिक्षणोतर कर्मियों का वेतन रोकने और उन पर विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश हुए हैं।

बेसिक शिक्षा परिषद में मानव संपदा की वेबसाइट पर सभी शिक्षक व शिक्षणोतर कर्मियों का पूरा डाटा अपलोड करने की प्रक्रिया लंबे समय चल रही है। शासन ने सभी को अनिवार्य रूप से आधार से जोड़ने को भी कहा गया है। यह भी निर्देश रहे हैं कि जो शिक्षक व कर्मचारी आधार नंबर मुहैया नहीं कराते हैं उनका वेतन रोक दिया जाए। इस संबंध में शासन, विभागीय अफसरों व परिषद ने अनेकों पत्र बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजे हैं। यही नहीं अगले सप्ताह से शिक्षकों का अंतर जिला तबादले की प्रक्रिया शुरू होनी है। इसमें ऑनलाइन आवेदन लिए जाने हैं। यह तबादले सभी का डाटा पूरा अपलोड हुए संभव नहीं होंगे।
इस बीच जांच में सामने आया है कि अब भी जिलों में करीब दस फीसद शिक्षक व कर्मियों के डाटा वेबसाइट पर अपलोड नहीं है। इस पर परिषद मुख्यालय ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। परिषद सचिव संजय सिन्हा ने बीएसए को भेजे आदेश में कहा है कि आठ फरवरी, 2016 से लेकर 16 अगस्त, 2017 तक अनेकों पत्र व दूरभाष पर इस प्रक्रिया को पूरा करने के निर्देश दिए गए, फिर भी कार्य अधूरा है। इसे हर हाल में एक सप्ताह में पूरा करें। इसमें यदि खंड शिक्षा अधिकारी, शिक्षक या फिर शिक्षणोतर कर्मचारी की ओर से विलंब होता है तो उनका वेतन रोका जाए। उनके विरुद्ध विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाए उससे परिषद को भी अवगत कराया जाए।

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