Breaking Posts

Top Post Ad

दारोगा पद पर प्रोन्नति का दो माह में करें निर्णय:हेड कांस्टेबिल से दारोगा पद पर प्रोन्नति में धांधली की शिकायत पर कोर्ट का फैसला

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस पदोन्नति बोर्ड को निर्देश दिया है कि नागरिक पुलिस में हेड कांस्टेबिल से दारोगा के पद पर प्रोन्नति के लिए जारी सूची से क्षुब्ध याचीगणों के प्रत्यावेदन और दस्तावेजों पर विचार कर उचित निर्णय लेते हुए सकारण आदेश दो माह में पारित करे।
1यह आदेश न्यायमूर्ति आरएसआर मौर्य ने राम प्रकाश और 77 अन्य प्रधान आरक्षियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका में नागरिक पुलिस में हेड कांस्टेबिल से सब इंस्पेक्टर (दारोगा) पद पर प्रोन्नति के लिए जारी सूची में धांधली का आरोप लगाया गया है। याचीगण के अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि 11 अगस्त, 2016 को पुलिस विभाग ने 3822 हेड कांस्टेबिलों की वरिष्ठता सूची जारी की। इसमें 3800 की प्रोन्नति पर विचार किया गया। 12 नवंबर, 2016 को प्रोन्नति सूची जारी की गई जिसमें 2193 कांस्टेबिलों को दारोगा के पद पर प्रोन्नति दे दी गई। सूबे के सभी जिलों में तैनात हेड कांस्टेबिलों ने इस प्रोन्नति सूची को चुनौती दी थी। कहा गया कि उनका नाम वरिष्ठता सूची में ऊपर था और सर्विस रिकार्ड भी अच्छा है। इसके बावजूद प्रोन्नति सूची में उनका नाम नहीं है। अधिवक्ता की दलील थी कि प्रोन्नति सूची जारी करने में यूपी सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर (सिविल पुलिस) सर्विस रूल 17 (1) के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। इसके तहत रिक्त पदों के सापेक्ष आधे पद प्रोन्नति से भरे जाने हैं। प्रोन्नति के लिए तीन साल का अनुभव जरूरी है। इसके अलावा अभ्यर्थी को 3.2 किमी की रेस 35 मिनट में पूरी करनी होती है। याचीगण यह सभी अर्हता पूरी करते हैं। इसके बावजूद वरिष्ठता सूची में उनसे नीचे के हेड कांस्टेबिलों को प्रोन्नति दे दी गई और याचीगण की प्रोन्नति बिना कोई कारण बताए रोक दी गई। इस दलील को सुनने के बाद कोर्ट ने प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष और सचिव को निर्देश दिया है कि याचीगण के प्रत्यावेदन और उनके दस्तावेजों को देखकर दो महीने में सकारण आदेश पारित करें।

sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

No comments:

Post a Comment

Facebook