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अब अधीनस्थ आयोग को लेकर आंदोलन: सरकार ने 90 दिन में रोजगार देने का किया था वादा

इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र और उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के बाद अब अधीनस्थ सेवा आयोग के पुनर्गठन को लेकर बड़ा आंदोलन शुरू होने की तैयारी है। अफसरों ने 31 दिसंबर तक पुनर्गठन का वादा किया था लेकिन, अब तक कुछ नहीं हो सका है।
इससे प्रतियोगी खफा हैं। उनका कहना है कि नई भर्तियों को छोड़िए, सरकार पुरानी प्रक्रिया को ही रोके है।1अधीनस्थ सेवा चयन आयोग उप्र में 29 मार्च 2017 को ग्राम विकास अधिकारी, सहायक लेखाकार, गन्ना पर्यवेक्षक आदि के करीब 1100 पदों के साक्षात्कार पर सरकार ने रोक लगा दी थी। इसके बाद प्रतियोगियों ने इलाहाबाद व लखनऊ में कई बार आंदोलन किया। भर्ती मोर्चा के अध्यक्ष काशिफ सिद्दीकी ने बताया कि पिछले दिनों मुजफ्फर नगर के एक प्रतियोगी ने आत्महत्या कर ली है और एक अन्य प्रतियोगी ने जान देने का प्रयास किया है। अब सरकार जल्द भर्ती शुरू नहीं करती है तो प्रदेश भर में आंदोलन शुरू करेंगे। महामंत्री रजत शर्मा ने बताया कि इन पदों पर अस्सी फीसदी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जिसमें अधिकांश पदों पर सिर्फ साक्षात्कार होना शेष है।
सरकार ने 90 दिन में रोजगार देने का वादा किया था, परंतु सरकार अपना वादा शायद भूल गई है। इसीलिए पुरानी भर्ती पर अब तक रोक बरकरार है। वहीं, आयोग का नए सिरे से गठन भी नहीं हो रहा है। इससे प्रतियोगी खासे निराश हैं।

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