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फर्जी शिक्षक भर्ती का मास्टरमाइंड फरार

सिद्धार्थनगर। अधिकारियों से लेकर राजनेताओं तक से सेटिंग के दम पर मनचाहे लोगों को शिक्षक के पद पर भर्ती करवाने वाला मास्टरमाइंड फरार हो गया है। न तो वह सिद्धार्थनगर में हैं और न ही अपने पैतृक जिले देवरिया में।

सेटिंग का ही नतीजा रहा है कि मास्टरमाइंड पर अब तक कभी कार्रवाई नहीं हुई, जबकि वह अपने गांव के करीब एक दर्जन लोगों की पूर्वांचल में नियुक्ति करवा चुका है। सूत्रों के अनुसार मास्टरमाइंड का नेटवर्क गोरखपुर, देवरिया, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, संतकबीरनगर, बलरामपुर, बस्ती, वाराणसी, संतरविदास नगर सहित कई अन्य जिलों में फैला हुआ है। मास्टरमाइंड की वर्ष 2008-09 में जिले में नियुक्ति हुई थी। कुछ ही दिनों में उसने तगड़ी पैठ बना ली और फिर शुरू हो गया फर्जी शिक्षक भर्ती का खेल। विभाग में उसकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि वह जहां चाहता था नियुक्ति करवा देता था। खास बात यही देखने में आई है कि उसने फर्जी शिक्षकों की भर्ती ऐसे जगहों पर करवाई है, जहां अधिकारियों का आना-जाना कम होता था।

फर्जी शिक्षक भर्ती मामले में 38 शिक्षकों की बर्खास्तगी हो चुकी है। इस बात को लेकर जिला इन दिनों चर्चा में है। इससे पूर्व नवंबर 2009 में उस वक्त जिला सुर्खियों में आया था, जब डायट में आग लगी थी और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जल गए थे। मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी, जो आज तक पूरी नहीं हो सकी। अब विभाग एक बार फिर कठघरे में है। सूत्रों की माने तो देवरिया के भाटपाररानी का रहने वाले मास्टरमाइंड ने एक ड्राइवर व डायट के एक बड़े अधिकारी के भाई की पत्नी को भी शिक्षक बनवाया था। बाद में ड्राइवर का मामला मीडिया में आया तो बीएसए ने उसे हटा दिया, लेकिन अधिकारी के भाई की पत्नी इस समय पूर्वांचल के एक जिले में तैनात है।


चोरी प्रकरण में तीन हिरासत में लिए गए
बीएसए कार्यालय में चोरी के प्रयास के मामले में स्वाट टीम ने बुधवार को तीन लोगों को हिरासत में लिया। इनमें एक दुकानदार और दो कर्मचारी शामिल हैं।

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