GORAKHPUR: गोरखपुर में फर्जी शिक्षकों का मामला सामने आया है. इसके
बाद से अधिकारियों की सांसें फूलने लगी हैं. जिले के 2984 विद्यालयों में
पढ़ाने वाले आठ हजार शिक्षकों में 467 शिक्षक जाली दस्तावेज लगाकर आज भी
नौकरी कर रहे हैं.
इसका खुलासा हुआ है इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के
दौरान. वहीं, इन फर्जी शिक्षकों को मासिक वेतन भुगतान के मामले में बेसिक
शिक्षा विभाग का लेखा विभाग भी फंसता नजर आ रहा है. बीएसए की मानें तो
फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.
84 करोड़ से ऊपर उठा चुके हैं वेतन
शासन के आदेश पर फर्जी ढंग से नियुक्त शिक्षकों का डाक्यूमेंट्स
वेरिफिकेशन हो रहा है. अभी तक के वेरिफिकेशन में बेसिक शिक्षा विभाग की टीम
को 467 शिक्षक ऐसे मिले हैं, जो फर्जी डाक्यूमेंट्स लगाकर शिक्षक बनकर
विभाग से वेतन लेते रहे हैं. सभी के दस्तावेज में फर्जीवाड़ा पाया गया है.
हैरानी की बात है कि इन सभी शिक्षकों को लेखा विभाग की तरफ से पिछले पांच
साल में 84 करोड़ रुपए से ऊपर का वेतन दिया जा चुका है. सभी शिक्षिकों के
खिलाफ जहां एफआईआर दर्ज कराकर इनसे रिकवरी कराई जाएगी. वहीं, लेखा विभाग के
दोषी कर्मचारियों और एकाउंटेट के खिलाफ भी कार्रवाई कर मुकदमा दर्ज कराने
की तैयारी की जा रही है.
आठ हजार शिक्षक जिले में है नियुक्त
बेसिक शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, जिले में आठ हजार
शिक्षक प्राइमरी के 2,30,796 और जूनियर के 66,717 बच्चों को पढ़ाते हैं.
इनमें से 467 फर्जी शिक्षक नौकरी कर रहे हैं. उन शिक्षकों को विभाग की तरफ
से चिह्नित कर लिया गया है. इनमें से 19 शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
कराने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है.
प्राथमिक विद्यालयों की संख्या - 2150
जूनियर हाईस्कूल की संख्या - 834
प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की संख्या - 2,30,796
जूनियर स्कूलों में पढ़ने वाले- 66,717
कुल शिक्षिकों की संख्या - 8,000
फर्जी शिक्षिकों की संख्या - 467
वर्जन..
फर्जी शिक्षिकों को चिह्नित कर लिया गया है. इनके डाक्यूमेंट्स
वेरिफिकेशन के दौरान फर्जी दस्तावेज पाए गए हैं. इनके खिलाफ कार्रवाई शुरू
कर दी गई है. रहा सवाल भुगतान का तो इनसे रिकवरी किया जाएगा.
बीएन सिंह, बीएसए
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