लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने गुरुवार को सहायक शिक्षकों
की सीबीआइ जांच करने के आदेश देने के साथ कहा कि वर्तमान चयन प्रक्रिया पर
भारी भ्रष्टाचार व गैर कानूनी चयन के आरोप हैं।
सरकार से स्वतंत्र व साफ-सुथरे चयन की उम्मीद की जाती है लेकिन, कुटिल इरादे से राजनीतिक उद्देश्य पूरा करने के लिए प्राथमिक विद्यालयों में बड़े पैमाने पर गैर कानूनी चयन किए गए जिससे नागरिकों के मौलिक अधिकारी बुरी तरह प्रभावित हुए। कोर्ट प्रथम दृष्टया मानती है कि परीक्षा कराने वाले अधिकारियों ने अपने उम्मीदवारों को फायदा पहुंचाने के लिए अधिकारों का दुरुपयोग किया। जिन अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा में कम नंबर मिले, उन्हें अधिक नंबर दे दिए गए। कुछ अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं फाड़ दी गईं और पन्ने बदल दिए गए ताकि उन्हें फेल घोषित किया जा सके। सरकार द्वारा बार कोडिंग की जिम्मेदारी जिस एजेंसी को दी गई थी, उसने स्वयं स्वीकार किया है कि 12 अभ्यर्थियों की कॉपियां बदली गई, बावजूद इसके उसके खिलाफ कोई आपराधिक कार्रवाई नहीं की गई
सरकार से स्वतंत्र व साफ-सुथरे चयन की उम्मीद की जाती है लेकिन, कुटिल इरादे से राजनीतिक उद्देश्य पूरा करने के लिए प्राथमिक विद्यालयों में बड़े पैमाने पर गैर कानूनी चयन किए गए जिससे नागरिकों के मौलिक अधिकारी बुरी तरह प्रभावित हुए। कोर्ट प्रथम दृष्टया मानती है कि परीक्षा कराने वाले अधिकारियों ने अपने उम्मीदवारों को फायदा पहुंचाने के लिए अधिकारों का दुरुपयोग किया। जिन अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा में कम नंबर मिले, उन्हें अधिक नंबर दे दिए गए। कुछ अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं फाड़ दी गईं और पन्ने बदल दिए गए ताकि उन्हें फेल घोषित किया जा सके। सरकार द्वारा बार कोडिंग की जिम्मेदारी जिस एजेंसी को दी गई थी, उसने स्वयं स्वीकार किया है कि 12 अभ्यर्थियों की कॉपियां बदली गई, बावजूद इसके उसके खिलाफ कोई आपराधिक कार्रवाई नहीं की गई