उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद की 69 हजार शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers)
प्रक्रिया में विवादों का साया लगातार बढ़ता जा रहा है। अभ्यर्थियों में
परिषद के प्रति काफी रोष बढ़ता जा रहा है। मेरिट लिस्ट को जारी करने में जिस
तरह की धांधली हुई है, उससे राहत पाने के लिए अब लोग न्यायालय की शरण में
जा रहे हैं। इस समय अभ्यर्थी न्यायालय में जाकर जिन बिंदुओ पर अर्जी लगा
रहे हैं, उनमें एमआरसी सिस्टम, दिव्यांगों को आरक्षण कम देना और मेरिट
लिस्ट में त्रुटि सहित अन्य प्रमुख बिन्दु है।
69 हजार शिक्षकों
की भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया में ऐसे कई नियमों को
अपनाया गया है, इसकी वजह से काउंसलिंग में जनरल और ओबीसी (OBC) की मेरिट
में कुछ ज्यादा अंतर नहीं रह गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि एमआरसी (MRC
System) लागू होने की वजह से हजारों अभ्यर्थियों को नुकसान हो रहा है।
एमआरसी सिस्टम लागू होने की वजह से एक तरफ जहां आरक्षित वर्ग के लोगों को
जहां मनचाहा जिला मिल गया है, तो वहीं
एमआरसी (MRC) लागू होने की वजह से ही ओबीसी (OBC) और एससी (SC) वर्ग के हजारों अभ्यर्थी वंचित भी रह गए। इस शिक्षक भर्ती में जिलों के आबंटन में करीब 31 हजार रैंक तक ही सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन होना था, लेकिन करीब 50 हजार रैंक तक पर भी चयन हो गया है। अभ्यर्थियों का इस तरह से चयन होने से काफी नुकसान हो गया है। यही नहीं, इससे हजारों अभ्यर्थी चयन से वंचित रह गए हैं। अब इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में वंचित रहने वाले अभ्यर्थी कोर्ट की शरण में जाने की तैयारी कर रही है। अभ्यर्थियों की तरफ से कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी आरक्षण के नियमों का पूरा पालन करने के लिए कहा गया है, लेकिन इस भर्ती में ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा है।
परिषदीय
विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापकों (69000 Assistant Teachers) की भर्ती
में दिव्यांगजनों के लिए निर्धारित विशेष आरक्षण के प्रावधानों की अनदेखी
की गई है। इस वर्ग की अनदेखी की वजह से करीब तीन हजार विकलांग अभ्यर्थी
परेशान हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण
की सितम्बर 2018 से दिया है, लेकिन इस भर्ती में महज तीन प्रतिशत ही
आरक्षण का लाभ दिया गया है। इस भर्ती में उच्च गुणांक वाले दिव्यांग
अभ्यर्थी जिन्होने सामान्य श्रेणी में चयनित अभ्यर्थियों के समतुल्य या
उनसे अधिक गुणांक अर्जित किया है उन्हे भी दिव्यांग श्रेणी में ही मान लिया
गया है। जब यह ओवरलैपिंग के नियमों के खिलाफ है। यही नहीं, चयनित
दिव्यांगजनों को विशेष आरक्षण भी सही तरीके से नहीं दिया गया है। सबसे खास
बात यह है कि इस भर्ती में पिछली भर्ती (68500 Assistant Teachers) के खाली
पदों का समायोजन नहीं किया गया है। अभ्यर्थियों को सही तरीके से लाभ न दिए
जाने के कारण अब दिव्यांगजनों ने अधिकारियों और बेसिक शिक्षा निदेशालय को
पूर्व के आदेशों का हवाला देते हुए न्याय की गुहार लगाई है। यही नहीं, इस
मुद्दे को लेकर अब सभी लखनऊ और इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट भी दाखिल करने जा
रहे हैं, ताकि उनके साथ जिस तरह से आरक्षण के नियमों की अनदेखी की गई है,
उससे कुछ हित हो सकें।
69000 शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) में नियमों को ताक पर रखकर काम किया गया है। इस भर्ती में नियमों का सही तरह से पालन नहीं किया गया है। नियमों का पालन न होने की वजह से ही अब यह मुद्दा राजनीतिक भी बन गया है। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र चैाधरी ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने 6 जनवरी 2019 को भर्ती की परीक्षा करवाई। अब ऐसा पहली बार हुआ है, जिसमें अधिकारियों ने परीक्षा से पहले पासिंग मार्क्स का जिक्र नहीं किया। इसकी वजह से यह भर्ती करीब डेढ़ साल तक कोर्ट में चलती रही। प्रदेश महासचिव मनोज यादव ने कहा कि परीक्षा से पूर्व पेपर की उत्तरकुंजी भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी सरकार ने इसकी जांच की केवल खानापूर्ति की। उन्होंने कहा कि आरक्षण के नाम पर अभ्यर्थियों के साथ में खिलवाड़ किया गया है। भर्ती में करीब 15 हजार ओबीसी युवाओं को आने रोका गया है। उन्होंने कहा कि इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में सामान्य वर्ग के लिए 34,500 पद, ओबीसी अभ्यर्थियों के लिए 18630 पद, एससी के लिए 14490 पद, एसटी के 1380 पद निर्धारित किए गए थे। उनहोंने कहा कि इस भर्ती में अनारक्षित सीटों को अधिक भरा गया है। इससे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का हक छीना गया है। उन्होंने कहा कि ओबीसी के 15000 हजार अभ्यर्थियो को शिक्षक बनने से रोका जा रहा है। उन्होंने कुमारी अर्चना तिवारी, पंजीकरण संख्या- 4900098460 ने ओबीसी वर्ग में चयन प्राप्त आपत्ति जताई। इसके अलावा विजय कुमार गुप्ता, पंजीकरण संख्या -3500067193 ने ओबीसी वर्ग में चयन पर भी आपत्ति जताई।
MRC सिस्टम पर लोगों में अर्जी
एमआरसी (MRC) लागू होने की वजह से ही ओबीसी (OBC) और एससी (SC) वर्ग के हजारों अभ्यर्थी वंचित भी रह गए। इस शिक्षक भर्ती में जिलों के आबंटन में करीब 31 हजार रैंक तक ही सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन होना था, लेकिन करीब 50 हजार रैंक तक पर भी चयन हो गया है। अभ्यर्थियों का इस तरह से चयन होने से काफी नुकसान हो गया है। यही नहीं, इससे हजारों अभ्यर्थी चयन से वंचित रह गए हैं। अब इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में वंचित रहने वाले अभ्यर्थी कोर्ट की शरण में जाने की तैयारी कर रही है। अभ्यर्थियों की तरफ से कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी आरक्षण के नियमों का पूरा पालन करने के लिए कहा गया है, लेकिन इस भर्ती में ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा है।
दिव्यांग अभ्यर्थियों को नहीं मिला आरक्षण
69 हजार शिक्षक भर्ती: हाईकोर्ट ने 8 मई के बाद की सारी प्रक्रिया पर लगाई रोक
इस भर्ती में बहुत कुछ हुआ पहली बार
69000 शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) में नियमों को ताक पर रखकर काम किया गया है। इस भर्ती में नियमों का सही तरह से पालन नहीं किया गया है। नियमों का पालन न होने की वजह से ही अब यह मुद्दा राजनीतिक भी बन गया है। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र चैाधरी ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने 6 जनवरी 2019 को भर्ती की परीक्षा करवाई। अब ऐसा पहली बार हुआ है, जिसमें अधिकारियों ने परीक्षा से पहले पासिंग मार्क्स का जिक्र नहीं किया। इसकी वजह से यह भर्ती करीब डेढ़ साल तक कोर्ट में चलती रही। प्रदेश महासचिव मनोज यादव ने कहा कि परीक्षा से पूर्व पेपर की उत्तरकुंजी भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी सरकार ने इसकी जांच की केवल खानापूर्ति की। उन्होंने कहा कि आरक्षण के नाम पर अभ्यर्थियों के साथ में खिलवाड़ किया गया है। भर्ती में करीब 15 हजार ओबीसी युवाओं को आने रोका गया है। उन्होंने कहा कि इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में सामान्य वर्ग के लिए 34,500 पद, ओबीसी अभ्यर्थियों के लिए 18630 पद, एससी के लिए 14490 पद, एसटी के 1380 पद निर्धारित किए गए थे। उनहोंने कहा कि इस भर्ती में अनारक्षित सीटों को अधिक भरा गया है। इससे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का हक छीना गया है। उन्होंने कहा कि ओबीसी के 15000 हजार अभ्यर्थियो को शिक्षक बनने से रोका जा रहा है। उन्होंने कुमारी अर्चना तिवारी, पंजीकरण संख्या- 4900098460 ने ओबीसी वर्ग में चयन प्राप्त आपत्ति जताई। इसके अलावा विजय कुमार गुप्ता, पंजीकरण संख्या -3500067193 ने ओबीसी वर्ग में चयन पर भी आपत्ति जताई।